सुबह सूर्योदय के घंटे भर बाद ही छाया अंधेरा
मंगलवार सुबह सूर्योदय के घंटे भर बाद ही ऐसा अंधेरा छा गया कि लोग किसी अनहोनी की आशंकाओं से सहम गए। थोड़ी देर में ही तेज हवाओं के साथ घनघोर बारिश और बज्रपात का कहर बरपाना शुरु हो गया। इस दौरान पूर्वी-उत्तरी और पूर्वी दक्षिणी बिहार के कई इलाकों में बज्रपात से नौ लोगों की मौत हो गई। बज्रपात से कई झुलस भी गए जिनका अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
मंदिर,घर,और खेत में बच्चों पर बिजली
बज्रपात का दौर घंटे भर से अधिक समय तक जारी रहा। सीवान में एक शिवमन्दिर के गुंबद पर बज्रपात से लोग अनहोनी की आशंकाओं से डर उठे हैं। नालंदा जिले के बिहारशरीफ के निकट कादिर बिगहा गांव के खेतों में मवेशी चराने निकले तीन बच्चे बिजली गिरने से बुरी तरह झुलस गए। पटना जिले के दुल्हिनबाजार में भी दो लोगों की झुलसने से मौत हो गई शेखपुरा में एक घर पर ही बिजली गिर गई। इससे परिवार के दो लोग बुरी तरह जख्मी हो गए। बिजली के कहर में सीतामढ़ी, बेगूसराय, सीवान,बांका, नालंदा, जहानाबाद तथा औरंगाबाद में कुल नौ लोगों की जान चली गई।
बज्रपात का कहर बढ़ा बिहार में
मुख्यममंत्री आपदा कोष से ऐसी आपदाओं में मरने वालों के परिजनों को चार लाख रुपयों का मुआवजा तो हमेशा मिल जाता है पर बज्रपात के बढ़ते प्रकोप को लेकर सभी की चिन्ता भी बढ़ गई है। अभी पिछले हफ्ते ही बिजली गिरने से दस जनों की मौत हो गई थी। आसमानी बिजली गिरने का क्रम पिछले वर्षों में लगातार बढ़ा है। अभी एक वर्ष पूर्व ही बिजली गिरने से एक दिन में ही करीब सौ लोगों की मौत हो गई थी। मौसम विज्ञानियों के लिए यह चिंता की बात है और इसके समाधान के उपाय भी किए जाने चाहिए।