पत्रिका:आप पर देशद्रोह का आरोप लगा है? क्या कहेंगे?
कन्हैया: मुझपर लगे देशद्रोह संबंधी सभी आरोप मनगढ़ंत-भ्रामक और बेबुनियाद हैं। अगर मैं देशद्रोही-अपराधी हूं, तो सरकार जेल में क्यों नहीं डाल देती? अगर कुछ गलत किया है, तो फिर सरकार देर क्यों कर रही? क्यों नहीं कार्रवाई कर रही? अगर मैं देशद्रोही हूं, तो भला लोकसभा चुनाव कैसे लड़ रहा? मेरा लोकसभा चुनाव लडऩा ही इसका प्रमाण है कि देशद्रोह के सभी आरोप मनगढ़ंत-भ्रामक और बेबुनियाद हैं। यदि देशद्रोह का प्रमाण है तो फिर आजतक दिल्ली पुलिस हाईकोर्ट में मेरे खिलाफ चार्जशीट दाखिल क्यों न कर सकी। सारा का सारा प्रपंच और झूठ-फरेब का मकडज़ाल है। मैं उस माटी का लाल हूं, जिसने देश को राष्ट्रकवि दिनकर जैसी महान हस्ती दी। इस धरती का सपूत देश के साथ कभी गद्दारी वाली भाषा कर ही नहीं सकता। वीडियो को तोड़-मरोड़कर वायरल किया गया। मेरी भारतीय संविधान में पूरी निष्ठा-आस्था है।
पत्रिका:केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की ओर से आप पर लगाए आरोपों पर क्या कहना है?
कन्हैया:भाजपा के वे उम्मीदवार जो बेगूसराय आना ही नहीं चाहते थे वही बता दें कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री होने के नाते इस जिले के उद्यमों के विकास के लिए क्या किया? बेगूसराय छोड़ दिया जाए, क्योंकि वे यहां से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, तो फिर इसका जवाब दें कि उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र नवादा की जनता के लिए कौन सा ऐसा काम किया, जिसे वहां की जनता हमेशा याद रखेगी?
पत्रिका:आज की राजनीति कैसी लग रही आपको?
कन्हैया:आज राजनीति का वीडियोकरण हो गया है। कभी केरल में पाकिस्तान देखने वाले मंत्री के बयान का वीडियो, तो कभी भारतीयों को पाकिस्तान भेजने वाले बयान का वीडियो। वीजा मंत्री (गिरिराज) पिछले 5 साल में भले ही अपने 5 बड़े काम न गिना सकें पर पाकिस्तान का नाम जरूर 5 हजार बार ले लिया है। उनके मन में पाकिस्तान ऐसे बस गया है कि उन्हें केरल में भी पाकिस्तान दिखता है। उनके इस जज्बे को क्या नाम दिया जाए?
पत्रिका:आपकी नजर में कौन देशभक्त और कौन है देशद्रोही?
कन्हैया:सबसे पहले तो मुझे उन लोगों से देशभक्त होने का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए, जिनके राष्ट्रवाद में गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी से मरने वाले बच्चों की चिंता तक शामिल नहीं। देशभक्त क्या वे हैं जो नफरत फैलाकर, भड़कीले भाषण-नारा देकर अल्पसंख्यकों के प्रति घृणा-हिंसा फैलाते हैं? या वे जो तमाम कठिनाईयों से जूझते हुए एकता-सांप्रदायिक सद्भावना का संदेश देते हैं। मेरा देशप्रेम मेरे शहर की जर्जर सड़कों की मरम्मत, स्कूलों-कॉलेजों को शुरू करने के लिए पहल करने की सीख देता है। देशभक्त कौन? जो शिक्षा-स्वास्थ्य आदि के बजट में कटौती का विरोध करे या फिर वे जो नोटबंदी कर गरीबों के पेट पर लात मारकर लाखों लोगों को बेरोजगार कर दे?
पत्रिका:खुद की जीत के प्रति आश्वस्त हैं या कोई संशय?
कन्हैया:खुद को मिल रहे अपार जनसमर्थन से उत्साहित हूं और मुझे अपनी जीत का पूरा भरोसा है। राजनीतिक लड़ाई में सच्चाई और ईमानदारी हो तो जनता का सहयोग आप को मिलता है। भाजपा विरोधी मतों का विभाजन नहीं होगा, मुकाबला सीधा है। खुद के गांव सहित हर जगह जनसंपर्क अभियान के दौरान कभी नहीं कहा कि मैं कोई राजनेता हूं, बल्कि बेगूसराय का बेटा कहकर सभी से मिला। नोटतंत्र के खिलाफ लोकतंत्र की लड़ाई है।