पुलिस सूत्रों के अनुसार लूट प्रकरण में जिस कंपनी की सुरक्षा में इतनी बड़ी रकम लाई जा रही है, उसके कर्मचारियों को 16 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया गया है। इसलिए मामले में जिम्मेदार बैंक प्रबंधन को नोटिस जारी किया जा सकता है। एक करोड़ 64 लाख रुपए जिस वाहन में ले जाए जा रहे थे, उसमें जीपीआरएस सिस्टम और स्टेपनी नहीं होना भी सवाल बन चुका है। इन दोनों पर पुलिस प्रशासन स्टेट बैंक मैनेजर को तलब किया था।
पुलिस ने इस मामले की जांच में जो जानकारी जुटाई है, उसके बाद अलग-अलग टीम गठित की है। सभी टीमों को तय बिंदुओं पर काम करने कहा गया है। जांच के बाद सभी टीम एसपी प्रशांत ठाकुर को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। इस मामले में आला अधिकारी भी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
पुलिस ने लूट के मामले में एक पिस्टल बरामद किया है, जिसे आरोपियों ने अवैध तरीके से खरीदा था। इसके अलावा एक और पिस्टल मिला है, जो नकली था। इसे आरोपियों ने धमकाने के लिए रखा था। वहीं 315 बोर का पिस्टल नहीं मिला है, जिसकी तलाश की जा रही है।
पुलिस ने लूट की वारदात के बाद ग्रामीणों की मदद से पकड़े गए चारों लुटेरों कुलदीप मलिक, संजीत जाट, अमित सिंह एवं जसवंत सिंह को 6 अक्टूबर को रिमांड पर लिया था। इसके दो दिन बाद कुलदीप मलिक को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था। इसके बाद अन्य तीनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। थाना प्रभारी राजेश मिश्रा ने बताया कि पुलिस रिमांड होने के बाद न्यायिक रिमांड पर चारों को जेल दाखिल करा दिया गया है।
लूट की वारदात के बाद पुलिस ने आरोपियों को पकडऩे के लिए चारों तरफ से घेराबंदी कर दी थी। इसके बाद ग्रामीण भी पीछे पड़े हुए थे। नतीजा यह हुआ कि सभी चारों आरोपी और 80 लाख रुपए पकड़े गए। 6 अक्टूबर को 28 लाख रुपए अमलीडीह से बरामद किए गए थे। इसके बाद 11 अक्टूबर को 16 लाख रुपए कैश वैन की कंपनी के दो कर्मचारियों से ही बरामद किए गए। मामले में अब तक 6 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। फिर भी पुलिस अब तक 40 लाख रुपए का पता नहीं लगा पा रही है। रकम की खोज में पुलिस खेतों में ड्रोन उड़ा चुकी है, फिर भी वह खाली हाथ है। इतनी तगड़ी घेरेबंदी और कड़ी पूछताछ के बाद भी 40 लाख रुपए पुलिस खोज नहीं पा रही है। आखिर इतनी बड़ी रकम कहां गई और कौन ले गया। भागते समय कहीं और रकम फेंक दी गई या फिर किसी और दे दी गई, यह सब सवाल बना हुआ है।
5 अक्टूबर को अतरिया के पास कैश वैन पंचर हो गया था। इसके 20 मिनट बाद लुटेरे कार से मौके पर पहुंचे और वारदात को अंजाम दिया। प्रारंभिक तौर पर इसे संदेहास्पद माना जा रहा था। बेमेतरा एसपी प्रशांत ठाकुर ने कहा कि प्रकरण की जांच के लिए पुलिस पूरी गंभीरता से जुटी हुई है। इसके लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई है। अलग-अलग दिशा में छानबीन की जा रही है।