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मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने का झांसा देकर ठगे साढ़े 9 लाख रुपए

locationबेमेतराPublished: Feb 19, 2019 11:13:35 pm

इंस्टिव्यूशन कोटा से एनकेपी साल्वे मेडिकल कॉलेज नागपुर में एडमिशन करवाने के एवज में की थी 20 लाख रुपए की मांग

Bemetara Patrika

मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने का झांसा देकर ठगे साढ़े 9 लाख रुपए

बेमेतरा. साजा निवासी एक व्यक्ति मोबाइल से ठगी का शिकार हो गया। मोबाइलधारक चंद्रशेखर ने उसे बच्चे का एमबीबीएस में मेडिकल कॉलेज नागपुर में एडमिशन कराने का झांसा देकर 9.50 लाख रुपए ठग लिए। प्रार्थी योगेश बागरेचा पिता पूरनलाल बागरेचा की शिकायत पर धारा 420, 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।
बेटे ने दिलाई थी नीट की परीक्षा
पुलिस के अनुसार योगेश बागरेचा के बेटे यश बागरेचा ने नीट की परीक्षा दी थी। इसी बीच 1-2 जुलाई 2018 को अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल से एमबीबीएस में प्रवेश देने के लिए फोन किया। उसने कहा कि वह यश का एनकेपी साल्वे मेडिकल कॉलेज नागपुर में एडमिशन करवा देगा। इसके लिए नागपुर निवासी चंद्रशेखर पिता पंजाब राव आत्राम का मोबाइल नंबर देकर संपर्क करने कहा। योगेश ने संपर्क किया तो उसने नागपुर बुलाया। इसके बाद योगेश व यश नागपुर पहुंचे।
आरोपी ने कॉलेज में मुलाकात कराई
मेडिकल कॉलेज में चंद्रशेखर ने योगेश को 20 लाख रुपए में इंस्टिव्यूशन कोटा में एडमिशन कराने की बात कही। रुपए देने से मना करने पर 5 लाख रुपए में सहमति बनी। बाकी पैसा एडमिशन के बाद देना तय हुआ। एग्रीमेंट तहसील कार्यालय नागपुर में कराया गया। जहां 500 रुपए के स्टाम्प पेपर पर एक नोटरीकर्ता से लोन एग्रीमेंट टाइप करवाया। जिस पर लिखा गया कि बतौर कर्ज 5 लाख रुपए योगेश ने चंद्रशेखर के एक्सिस बैंक फैंड्स कॉलोनी नागपुर के खाते में आरटीजीएस के उसके खाते में जमा कराया।
एडमिशन नहीं हुआ तो फोन करने पर टालता रहा
एडमिशन नहीं होता है तो आप यह चेक लगाकर 5 लाख रुपए वापस ले सकते हैं। यह भरोसा चंद्रशेखर ने दिलाया था। प्रार्थी ने आरोपी से लगातार फोन पर संपर्क किया। इस पर आरोपी कुछ न कुछ बहाना बना कर 4.50 लाख रुपए खेत में फिर जमा करवाया। बीते एक फरवरी को कहा कि बच्चे का ज्वाइनिंग लेटर डिस्पैच हो चुका है, जो दो-तीन दिन में मिल जाएगा। इसके बाद प्रार्थी ने फोन कर कहा कि यदि एडमिशन नहीं हो रहा है तो पैसे वापस कर दीजिए।
साजा थाने में दर्ज कराया प्रकरण
6 फरवरी को दो दिन रुक जाने का वादा किया। काम नहीं होने पर रकम वापस करने की हामी भर दी और फोन बंद कर दिया। प्रार्थी ने अपने साथ धोखाधड़ी होने के संदेह पर अपने रिश्तेदार के माध्यम से उसके बारे में पता करवाया। पता चला कि दिए गए पते पर चंद्रशेखर निवास नहीं कर रहा है। इसके बाद प्रार्थी ने साजा थाना पहुंच कर प्रकरण दर्ज कराया।

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