15 दिन शेष रहते कई केंद्रों में अब तक बीते साल के बराबर खरीदी
बताना होगा कि जिले में कई धान खरीदी केन्द्रों के तीन साल के आंकड़ों के औसत के करीब धान खरीदी किया जा रहा है। जबकि अभी भी करीब 15 दिन तक धान की खरीदी किया जाना बाकी है जिसे देखते हुए खरीदी केेन्द्रो मे धान का आवक संदेह के दायरे में है। साथ ही जिले मे खादय विभाग के अमला द्वारा कई केन्द्रों में ंदबिश दिया गया, जहां पर अमानक धान भी पकड़ा जा चुका है। आने वाले दिनों में विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों को केंद्रों का निरीक्षण करने का निर्देश जारी कर दिया गया है। जिसके लिए बकायदा गोपनीय रूट चार्ट भी तैयार कर लिया गया है। पटवारियों को रिकार्ड दिखाना पड़ सकता है।
अनावरी रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल से 30 फीसदी कम होनी थी खरीदी
जिले के बेमेतरा, साजा, बेरला, थानखम्हरिया, नवागढ़ तहसील को शासन ने अकाल प्रभावित तहसील घोषित कर दिया है। जिले के 54 समितियों के 86 धान खरीदी केंद्रों में पिछले साल तक 3 लाख 23 हजार 9 सौ मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी। जो इस साल अब तक 2 लाख 21 हजार 5 सौ मीट्रिक टन धान अब तक खरीदा जा चुका है। जिस तरह से जिले का अनावरी रिपोर्ट आया है, उसे देखते हुए जिले मे बीते साल की अपेक्षा 30 प्रतिशत कम होना था।
बताना होगा कि जिले में कई धान खरीदी केन्द्रों के तीन साल के आंकड़ों के औसत के करीब धान खरीदी किया जा रहा है। जबकि अभी भी करीब 15 दिन तक धान की खरीदी किया जाना बाकी है जिसे देखते हुए खरीदी केेन्द्रो मे धान का आवक संदेह के दायरे में है। साथ ही जिले मे खादय विभाग के अमला द्वारा कई केन्द्रों में ंदबिश दिया गया, जहां पर अमानक धान भी पकड़ा जा चुका है। आने वाले दिनों में विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों को केंद्रों का निरीक्षण करने का निर्देश जारी कर दिया गया है। जिसके लिए बकायदा गोपनीय रूट चार्ट भी तैयार कर लिया गया है। पटवारियों को रिकार्ड दिखाना पड़ सकता है।
अनावरी रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल से 30 फीसदी कम होनी थी खरीदी
जिले के बेमेतरा, साजा, बेरला, थानखम्हरिया, नवागढ़ तहसील को शासन ने अकाल प्रभावित तहसील घोषित कर दिया है। जिले के 54 समितियों के 86 धान खरीदी केंद्रों में पिछले साल तक 3 लाख 23 हजार 9 सौ मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी। जो इस साल अब तक 2 लाख 21 हजार 5 सौ मीट्रिक टन धान अब तक खरीदा जा चुका है। जिस तरह से जिले का अनावरी रिपोर्ट आया है, उसे देखते हुए जिले मे बीते साल की अपेक्षा 30 प्रतिशत कम होना था।