शासन के उपसचिव ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की नियुक्ति के संदर्भ में स्पष्ट आदेश दिया है कि 81 दिनों में मूल्याकन समिति द्वारा व चयन समिति द्वारा नियुक्ति पूर्ण करना है। चयन समिति के अनुमोदन नहीं करने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा 81 से 89 दिनों में अनुमोदन करना है। शासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी स्थिति में 90 दिनों में पूरी प्रक्रिया पूर्ण करनी है। लेकिन बेरला परियोजना अधिकारी बीआर मंडावी किस नियम के तहत 9 माह बाद अनुमोदन के लिए जनपद पंचायत की चयन समिति के पास आए, यह सदस्यों को समझ
नहीं आया।
आवेदकों से आवेदन बंद लिफाफे में बिना चेक लिस्ट के लिया जाता। चेक लिस्ट का मतलब है आवेदक द्वारा भरे गए सभी प्रमाण पत्र को चेक कर चेक लिस्ट बनाई जाती है और आवेदक को उसकी पावती दी जाती है, जिसे आवेदक बाद में मिला सकता है। लेकिन बेरला महिला बाल विकास विभाग द्वारा बंद लिफाफे में आवेदन लेना संदेह को जन्म देता है। लिफाफा खोलने वाला अगर कोई प्रमाण पत्र हटा दे तो उसकी कोई पकड़ नहीं रह जाती।
पहले भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका की नियुक्ति की गयी थी, जिसके अनुमोदन के लिए जनपद पंयायत के पास भेजा गया था, लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर संदेह होने की वजह से प्रस्ताव पारित नहीं किया गया था। इसके बाद महिला बाल विकास के परीयोजना अधिकारी ने जिला अधिकारी से अनुमोदन कराकर भर्ती की गई थी। ताजा प्रकरण के बाद पूर्व के प्रकरण की भी जांच की बात उठने लगी है।
परीयोजना अधिकारी बीआर मंडावी पांच वर्षों से विभाग का काम सम्हाल रहे हैं। एक ओर जिले में तीन साल से टिके अधिकारियों का तबादला हो रहा है, वहीं पांच वर्षों से टिके अधिकारी पर अब तक अधिकारियों की नजर नहीं पड़ी है।
पडऩे पर सवाल उठ रहे हैं।