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छत्तीसगढ़ी का अस्तित्व बचाने जुटे कलाकार, 28 को पैदल जाएंगे राजधानी

locationबेमेतराPublished: Sep 21, 2018 12:04:26 am

सीएम रमन से मिलकर कर अपनी समस्याओं से कराएंगे अवगत, आठवीं तक के पाठ्यक्रम में छत्तीसगढ़ी अनिवार्य करने की करेंगे मांग

Bemetara Patrika

छत्तीसगढ़ी का अस्तित्व बचाने जुटे कलाकार, 28 को पैदल जाएंगे राजधानी

बेमेतरा. साहित्यकार एवं कलाकार कल्याण संघ का साहित्यकार एवं कलाकार सम्मेलन हुआ। इसमें कक्षा आठवीं तक के पाठ्यक्रम में छत्तीसगढ़ी अनिवार्य रूप से पढ़ाने और सभी शासकीय विभागों की नौकरियों में छत्तीसगढ़ी ज्ञान को प्राथमिकता देने की मांग की गई। इन मांगों को लेकर 28 को रायपुर तक पदयात्रा की जाएगी और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मिलेंगे।
सम्मेलन में कलाकारों ने दी सांस्कृतिक प्रस्तुति
मंडी परिसर में आयोजित सम्मेलन में कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया। जिसमें कर्मा, सुआ, पंथी, नाचा, रामायण मंडली, बांस गीत, पंडवानी, जस जंवारा, लोक संगीत की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर साहित्य समितियों का सम्मान किया गया। बाद में मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम एन कश्यप को मांग पत्र सौंपा गया। इसमें साहित्य और कला पेंशन योजना को संशोधन कर सरलीकरण करने की मांग की गई है, ताकि अधिक लोगों को फायदा मिल सके। 60 वर्ष से भी कम उम्र के साहित्यकारों एवं कलाकारों को प्रति माह सहयोग निधि के रूप में एक निश्चित राशि दी जाए। प्रत्येक कला एवं साहित्य समितियों को साल में एक बार उनके कला एवं साहित्य के विकास के लिए राशि दी जाए।प्रत्येक ब्लॉक में सांस्कृतिक मंच बनाया जाए।
तीन दिन की पदयात्रा कर पहुंचेंगे रायपुर
सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि 28 सितंबर को जिला मुख्यालय से हजारों साहित्यकार एवं कलाकार अपनी मांगों को लेकर रायपुर तक पदयात्रा निकालेंगे। 28 सितंबर को सुबह 10 बजे किसान भवन से साहित्यकार एवं कलाकार 3 दिन की पदयात्रा कर मुख्यमंत्री से मिलने रायपुर जाएंगे। 30 सितंबर को पहुंच कर अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत कराएंगे। इसके अलावा प्रदेश के सभी साहित्यकारों एवं कलाकारों को भी रायपुर पहुंचने अपील की गई है।
पदयात्रा में नहीं होगी नारेबाजी
पदयात्रा में किसी भी प्रकार की नारेबाजी नहीं होगी बल्कि गाजा बाजा के साथ नाचते गाते जाएंगे और जहां रात होगी, वहीं रात्रि विश्राम में सभी विधाओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम और कवि सम्मेलन होंगे। सुबह होने पर पुन: नाचते गाते यात्रा प्रारंभ करेंगे। उक्त यात्रा में रात्रि विश्राम कलाकारों से चर्चा कर की जाएगी।
संस्कृति मंत्री कर रहे है अनसुना – त्रिपाठी
संघ के जिला अध्यक्ष हास्य व्यंग्य कवि रामानंद त्रिपाठी ने कहा कि उन्होंने संस्कृति मंत्री को कई बार इस बारे में अवगत कराया, लेकिन उन्होंने बातों को महत्व नहीं दिया। हमसे बात करने से भी कतराते हैं। उनके कार्यकाल में पेंशन देना तो दूर नियम कठिन होने से पेंशनधारी का ही पेंशन बंद हो गया है। उन्हें कलाकार और साहित्यकार के समस्या से कोई लेना-देना नहीं है। अब मजबूर होकर प्रदेश के मुखिया से ही न्याय की गुहार लगाएंगे, वही हमारे साथ न्याय करेंगे।
सम्मेलन में इनकी रही भागीदारी
कार्यक्रम में संरक्षक अजय शर्मा, उपाध्यक्ष भगवान सिंह राजपूत, कोषाध्यक्ष नन्दकुमार पांडे, सहसचिव गोकुल बंजारे, राजकमल राजपूत, विशेष सलाहकार संतोष चौबे, घनश्याम सिंह ठाकुर, बेमेतरा अध्यक्ष भुवन जांगड़े, सचिव मनोज पाटिल, बेरला अध्यक्ष मोहन वैष्णव, सचिव संतोष परघनिया, साजा अध्यक्ष होरी सिंह ठाकुर, सचिव महेन्द्र चौहान, नवागढ़ अध्यक्ष सुमेरू साहू, सचिव महेश साहू, अनिल तिवारी, गिरधारी देवांगन, आत्माराम पटेल, संतोष घोरबंधे, डॉ. परमेश्वर साहू, राजाराम साहू, नरोत्तम वर्मा, मदन सिन्हा, परदेशी पटेल, सत्यधर बांधे आदि उपस्थित रहे।
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