कलेक्टर महादेव कावरे ने कहा कि भवन व दीवारों या अन्य शासकीय संपित्तयों का उपयोग बगैर अनुमति लिए प्रसार प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता। ऐसा करने पर संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। बहरहाल जिला मुख्यालय व अन्य स्थानों पर प्रचार-प्रसार के लिए पेंटिंग व अन्य कार्यों के लिए संपत्तियों का बेजा उपयोग किया जा रहा है।
दीवारों व खंभों के आलावा चौक-चौराहों में भी बैनर पोस्टर लगाया गया है। आयोजन, शुभकामनाओं व अन्य अवसरों पर बैनर पेास्टर लगाने के लिए होड़ मची होती है। पुराना बस स्टैंड को बैनरों व पोस्टरों से पाट दिया जाता है। स्थल प्रचार चौक बन चुका है।
प्रसार-प्रचार का चलन इस कदर बढ़ गया है कि दीवारों के आलावा विद्युत व बीएसएनएल के खंभों पर बैनर पोस्टर लगाए जा रहे हैं। इसके कारण मेंटनेंस करने वाले कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं कई स्थानों पर दुर्घटना का सबब भी बना है।
शासकीय दफ्तरों एवं संपत्तियों का प्रचार-प्रसार के लिए उपयोग किया जा रहा है। जबकि इस पर प्रतिबंध है। राजनीतिक दलों एवं व्यवसायिक प्रचार जिला मुख्यालय से लेकर विकासखंड स्तर के कार्यालयों की दीवारों पर किया जा रहा है। इससे कार्यालयों का स्वरूप बिगडऩे लगा है। बताना होगा कि शासकीय संपत्तियों का प्रचार-प्रसार के तौर पर उपयोग करने पर पाबंदी लगी है। इसके बाद भी जिले के विभिन्न कार्यालयों में प्रचार जारी है।