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ये क्या..किसानों ने यहां उड़द उगाना किया बंद, इधर चने के बुआई का रकबा भी घट गया

locationबेमेतराPublished: Nov 28, 2017 01:38:12 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

बेमेतरा ब्लॉक में गेहूं, मक्का, चना, मटर, मसूर, मूंग व तिवड़ा के अलावा सरसो, अलसी व कुसुम के रकबे में कमी आई है।
 

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बेमेतरा. कम बरिश का असर खरीफ के अलावा रबी फसल पर भी नजर आने लगा है। बेमेतरा ब्लॉक में गेहूं, मक्का, चना, मटर, मसूर, मूंग व तिवड़ा के अलावा सरसो, अलसी व कुसुम के रकबे में कमी आई है। यहां तक जिले के किसानों ने उड़द उगाना ही बंद कर दिया है।
धान बोआई से शासन की मनाही के बाद दीगर फसल का भी रकबा कम होना कृषि प्रधान जिले के लिए शुभ संकेत नहीं माना जा रहा है। जानकारी के अनुसार, रबी फसल के सभी श्रेणियों में याने अनाज, दलहन, तिलहन, गन्ना, साग-सब्जी और मिक्स बोआई में अब तक बेमेतरा विकासखंड में केवल 13,763 हेक्टेयर में बोआई की गई है, जो गत वर्ष 35491 हेक्टेयर में किए गए बोआई का आधे से भी कम है।
रबी सीजन के सभी प्रमुख फसलों के रकबे में कमी आई है। जानकार मानते हैं कि अभी फसल बोआई के लिए समय है, जिससे आने वाले समय में आंकड़ों में बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन गत वर्ष की तुलना में इस बार रबी की बोआई कम होना तय है।
इस बार दाल उद्योग होगा प्रभावित
इस बार बेमेतरा में जिस तरह से दलहन का रकबा कम हुआ है, उसका सीधा असर दाल मिलों पर होने की आशंका है। सबसे अधिक प्रभाव चना का रकबा घटने से होगा। धान व सोयाबीन के बाद जिले में सबसे अधिक पैदावार किए जाने वाले चना की अपेक्षा से कम पैदावार होने से दाल का पूरा कारोबार चौपट हो सकता है।
दालमिल मालिक राहुल अग्रवाल ने बताया कि कम आवक होने के कारण इस बार कामकाज घाटे का होगा। जिस तरह से फसल को लेकर रिपोर्ट आ रही है, वह हतोत्साहित करने वाली है। पिछले वर्ष चना का रकबा – 25835 हेक्टेयर था। इस साल चना की पैदावारी का लक्ष्य – 26000 हेक्टेयर रखा गया था, लेकिन अब तक बेमेतरा विकासखंड में पैदावार – 9107 हेक्टेयर और सिंचित रकबा 8716 हेक्टेयर असिंचित रकबा 391 हेक्टेयर है।
दोनों साल के आंकड़ों को मिलाने के बाद भी गए वर्ष से कम रकबे में चने की फसल ली जा रही है। इसी तरह मसूल, तिवड़ा, मटर, मूंग का रकबा भी कम हुआ है। वहीं उड़द की खेती करना किसानों ने छोड़ दिया है।
उपसंचालक कृषि विभाग बेमेतरा विनोद वर्मा ने बताया कि जिले में रबी फसल का रकबा कम हुआ है। साजा, नवागढ़ व बेमेतरा में इस बार लक्ष्य से कम ही क्षेत्र पर उत्पादन हो रहा है। कम बारिश की वजह से यह स्थिति बनी है।
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