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मुख्यमंत्री जी हालात नहीं सुधरे तो मैं आत्मदाह कर लूंगा, मौत के जवाबदार आप और कलेक्टर होंगे

locationबेमेतराPublished: Apr 11, 2021 05:46:51 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

नगर पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सूचना देते हुए CM Bhupesh Baghel, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, मंत्री शिव डहरिया और कलेक्टर को पत्र लिखकर समस्या का हल नहीं होने पर सार्वजनिक आत्मदाह करने की चेतावनी दी है।

मुख्यमंत्री जी हालात नहीं सुधरे तो मैं आत्मदाह कर लूंगा, मौत के जवाबदार आप और कलेक्टर होंगे

मुख्यमंत्री जी हालात नहीं सुधरे तो मैं आत्मदाह कर लूंगा, मौत के जवाबदार आप और कलेक्टर होंगे

बेमेतरा/देवकर. बेमेतरा जिले के नगर पंचायत देवकर में गौरव पथ की धीमी गति से नाराज दमा रोगी वार्ड 03 निवासी चन्द्रशेखर अग्रवाल उर्फ राजू (45) ने आत्मदाह की चेतावनी दी है। इस संबंध में नगर पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सूचना देते हुए CM Bhupesh Baghel, कृषि मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक रविंद्र चौबे, नगरीय विकास मंत्री शिव डहरिया और कलेक्टर शिव अनंत तायल को पत्र लिखकर समस्या का हल नहीं होने पर सार्वजनिक आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। इसकी सम्पूर्ण जवाबदेही व जिम्मेदारी नगर पंचायत प्रशासन की होगी।
नगर देवकर में स्थित गौरवपथ क्षेत्र के सबसे व्यस्तम मार्ग में से गिना जाता है। जिसमे करीब दो साल से कछुआ गति से गौरव पथ का निर्माण हो रहा है। ऐसी स्थिति में उड़ रही धूल के गुबार व प्रदूषण से परेशान चंद्रशेखर स्वयं व 85 वर्षीय मां को दमा रोगी बताते हुए धूल के गुबार से हो रही गम्भीर स्वास्थ्यगत समस्या से हताश, तंग, क्षुब्ध व आहत होकर सात दिन का अल्टीमेटम दिया है। गौरव पथ में डामरीकरण नहीं होने पर है, आवेदक चंद्रशेखर ने नगर पंचायत कार्यालय में आठवें दिन सार्वजनिक रूप से मिट्टी तेल डालकर आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। चंद्रशेखर अग्रवाल नगर पंचायत के पूर्व पार्षद महावीर अग्रवाल के छोटा भाई है। पेशे से नगर के समाजसेवी कार्यों में आगे रहते है। उनके द्वारा इस तरह का चेतवानी व अल्टीमेटम नगर में चर्चा का विषय बन गया है।
दिनभर यातायात का दबाव, पर निर्माण एजेंसी गंभीर नहीं
नवकेशा रोड पर बने इस 900 मीटर लम्बे गौरवपथ में हज़ारों वाहन रोज गुजरते है। जो बिलासपुर से नागपुर एवं जि़ला मुख्यालय बेमेतरा का खैरागढ़, राजनांदगांव के लिए सरल मार्ग है । यहां वाहनों का दबाव दिनभर इतना रहता है, कि निर्माणाधीन गौरवपथ से गुजरना खतरनाक साबित होता है। बावजूद निर्माण एजेंसी गौरव पथ निर्माण शीघ्र पूरा करने को लेकर गम्भीर नही है।
हताश हूं, अंतिम विकल्प आत्मदाह
पीडि़त चंद्रशेखर अग्रवाल ने बताया की उनका परिवार निर्माण के दौरान उड़ रहे धूल के गुबार से खासा त्रस्त है। परिवार के तीन सदस्य अस्थमा से पीडि़त है। करीब दो साल पूर्व एक ठेकेदार विशेष द्वारा नगर पंचायत से टेंडर लेकर कार्य शुरू किया गया। नगर पंचायत में कई सीएमओ बदल जाने के बाद भी गौरवपथ की तस्वीर नहीं बदल पाई है। गौरव पथ निर्माण को शीघ्र पूरा करने प्रशासन को कई बार आवेदन दिए जाने बावजूद ध्यान नहीं दिया जा रहा। निर्माणाधीन गौरवपथ में डामरीकरण होने बाद ही धूल से निज़ात मिलेगी।

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