रमेश, महेश, सुरेश, त्रिलोक, कृष्ण कुमार, हरि कंगला, दयालु, मुन्ना, तोखन, पोखन, चिंतामनी, कुंजू, बबलू इस तरह के नामों को भुगतान पर्ची में भरकर छोटी-छोटी भुगतान बनाकर बड़ा घोटाला किया गया है। ग्राम गाड़ामोर व आश्रित ग्राम धरमपुरा में हैंडपंप मरम्मत के नाम पर मजदूरी भुगतान किया गया है। इसी तरह मुरता, बदनारा, पौसरी, भीखमपुर सहित दर्जनों गांव के नाम पर भुगतान किया गया है। जब सत्यता का पता लगाया गया तो सामने आया विभाग का कारनामा। भुगतान पर्ची एक व्यक्ति ने एक स्थान पर बैठकर बनाया है। यह प्रमाण रिकॉर्ड दे रहा है। एक पर्ची में ऊपर मजदूर का नाम नहीं है। नीचे भिखारी लिखा गया है। वास्तविक भिखारी कौन है इसे विभाग ही बता सकता है।
गाड़ामोर सरपंच कमसूरत बघेल ने कहा कि मेरा कार्यकाल पांच वर्ष का पूरा होने वाला है। अभी तक किसी हैंडपंप ने पानी नहीं दिया। मरम्मत के नाम पर किसी ने भुगतान किया है तो यह फर्जी है। धरमपुरा निवासी अगम बंजारे ने कहा कि धरमपुरा में तो पांच वर्ष से केवल एक या दो पावर पंप चल रहे हैं। यदि हैंडपंप मरम्मत के नाम पर बिल भुगतान हुआ है तो यह इस पांच वर्ष का सबसे बड़ा झूठ है। ग्राम पंचायत मुरता के सरपंच खोरबाहरा राम साहू ने बताया कि गांव में हैंडपंप मरम्मत के लिए पीएचई ने कभी मजदूर नहीं लगाया। पंचायत ने ही सामग्री व मजदूर दोनों लगाया। भुगतान का रिकॉर्ड फर्जी है। ग्राम भीखमपुर निवासी साधराय मधुकर ने कहा कि बदनारा, पौसरी, भीखमपुर सहित आसपास के गांवों में किसी हैंडपंप की मरम्मत नहीं हुई।
जब मरम्मत का बिल फर्जी है तो सामग्री का बिल इससे बड़ा फर्जी होगा, क्योंकि सामग्री पूरे जिले के नाम पर खरीदी जाती है। पीएचई के कार्यों के जानकार गोकुल मनी ने कहा कि नवागढ़ ब्लॉक नहीं यह कार्य पूरे जिले में हुआ होगा। इसमे पूर्ण रूपेण सब इंजीनियर, एसडीओ व ईई दोषी हैं, जिन्हें पता है कि कितने गांव ड्राई हंैं। पंचायत जिस पंप की मरम्मत में तबाह है, उसी को पीएचई भी मरम्मत करना शो करती है, जो उचित नही है। गोकुल ने कहा कि बेमेतरा जिले में राहत मद से किए व्यय चंदखुरी, उमरिया सड़क निर्माण में हुए कार्य के व्यय सहित गत तीन वर्षों में खनन व समस्त भुगतान का भौतिक सत्यापन जरूरी है। इससे फर्जीवाड़ा की परत निकलेगी।
इस संबंध में नवागढ़ विधायक गुरुदयाल बंजारे ने कहा कि नवागढ़ विधानसभा में पेयजल पावर पम्प, नल जल मरम्मत खनन के नाम पर केवल कागजी कार्य ही हुए हैं। पीएचई में बड़ा घोटाला है, जांच कराएंगे। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी एसडीओ एस नेताम से जब पूछा गया कि जहां पंप वर्षों से नहीं चले, वहां किसकी मरम्मत हुई, पहले तो वे कहने लगे कि पंप चालू हैं। मौके पर पर जाकर सत्यापन की बात कहने पर बोले बिल मेकेनिक बनाते हैं भुगतान गड़बड़ी के लिए वे जिम्मेदार होंगे। सामग्री पर जवाब नही दे सके। वहीं बेमेतरा कलक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने कहा कि पीएचई के भुगतान के मामले में मौके के सभी बिन्दुओं पर जांच होगी।