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सूखा ग्रस्त जिले में प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से हो रहा बोरखनन, जलसंरक्षण के लिए नहीं हो रहा कोई प्रयास

locationबेमेतराPublished: Jun 27, 2018 11:49:11 pm

45 की बजाए 80 रुपए प्रति फीट पर कर रहे बोर खनन, जब्त गाडिय़ों को कुछ घंटे में छोड़ देते हैं अधिकारी

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सूखा ग्रस्त जिले में प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से हो रहा बोरखनन, जलसंरक्षण के लिए नहीं हो रहा कोई प्रयास

बेमेतरा. जिले में बोर खनन पर पाबंदी लगाये जाने के बाद भी ग्रामीण अंचल में रोजाना बोर खनन किया जा रहा है। जिले प्रशासन की उदासीनता और लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए माफिया से 45 की बजाए 80 रुपए प्रति फीट के हिसाब से बोर खनन कर रहा है। जल संकट से प्रभावित जिले में भूजल का दोहन किया जा रहा है।
दोगुना दाम वसूल रहा बोर खनन माफिया
बताना होगा कि लगातार तीन सालों से कम बारिश होने के कारण जिले में एक वर्ष से अधिक समय से भूजल दोहन पर जिला प्रशासन ने रोक लगाया है। साथ ही जनहित के लिए बोर खनन की अनुमति का प्रावधान भी रखा है। भूजल को बरकरार रखने के लिए लगाए गए प्रतिबंध की वजह से जरूरतमंद लोग कायदों को धत्ता बताते हुए बोर खनन करा रहे हैं, जिसके एवज में बोर खनन माफिया उनसे दोगुना दाम वसूल रहा है।
अब हो रहा ज्यादा खनन
जानकार मानते हैं कि जिले में बोर खनन पर रोक लगाए जाने का उलटा असर हुआ है। रोक लगे होने के कारण पूर्व की अपेक्षा अब अधिक बोर खनन किया जा रहा है। बोर खनन करने वालों की हिम्मत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैै, बीते दिनों कलक्टर कार्यालय से लगे भूखंड पर बोर खनन किया जा रहा था, जिसे शिकायत के बाद रोका गया था।
अब तो गाडिय़ों पर कार्रवाई नहीं
जिले में बोर खनन करने वाले गाडिय़ों पर अधिकारियों द्वारा कार्रवाई तो की जाती है, लेकिन कार्रवाई की कुछ ही घंटों बाद वह गाड़ी छोड़ भी दी जाती है। पूर्व में अवैध बोर करते खनन पकड़े जाने पर बोर में लगी गाडिय़ों को 10 दिन से 15 दिन तक थाने में खड़ा किया जाता था, लेकिन अब इस तरह की कार्रवाई नजर नहीं आ रही है।
कमीशनखोरी का चल रहा खेल
किसान राम कुमार व राजू वर्मा ने बताया कि बोर खनन पर रोक की वजह से जिले में बोर खनन करने वाले ने दाम दोगुने कर दिए है, जिसके पीछे कमीशन का खेल होना बताया जा रहा है। बोर खनन करने वालों के तार कार्रवाई करने वाले प्रशासनिक अमले से जुड़े हुए हैं, जिसकी वजह से प्रतिबंध के बावजूद मजबूर किसान अधिक दर पर बोर खनन कराने के लिए बेबस हैं।
बिजली कनेक्शन पर भी लगे रोक
जानकारों का कहना है कि खनन के अलावा पावर पंपों के लिए नए बिजली कनेक्शन पर भी रोक लगाया जाना चाहिए, जिससे अवैध खनन करने के बाद भी लोगों को बेजा लाभ न मिल सके। बहरहाल, जिले में प्रतिबंध के बाद भी बोर खनन जारी रहने के कारण रोक बेअसर साबित हो रहा है। पूर्व से ही जिले में भूजल की स्थिति बेहतर नहीं है, और जिस तरह से अंधाधुंध बोर खनन किया जा रहा है, उससे और नुकसान होने के आसार हैं।
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