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स्वास्थ्य मंत्री जी , 18 साल में 31 उपस्वास्थ्य केंद्रों का नहीं बना भवन, भगवान भरोसे स्वास्थ्य सुविधा

locationबेमेतराPublished: Oct 03, 2018 01:32:47 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

जिले के गांव-गांव तक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने स्वास्थ्य विभाग ने बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ विकासखंड में 127 उपस्वास्थ केन्द्र का संचालन किया जा रहा है। इसमें से 31 केन्द्र भवन विहीन है।

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स्वास्थ्य मंत्री जी , 18 साल में 31 उपस्वास्थ्य केंद्रों का नहीं बना भवन, भगवान भरोसे स्वास्थ्य सुविधा

बेमेतरा. जिले में 31 उपस्वास्थ्य केन्द्र सुविधा संपन्न भवनों के अभाव में छोटे भवनों में संचालित किए जा रहे हैं। भवन निर्माण के लिए जिम्मेदार लोक निर्माण विभाग उदासीनता बरत रहा है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग को सालों बाद भी भवन नहीं मिल पाया है। जिले में उपस्वास्थ्य केन्द्रों के आलावा एक सामुदाियक स्वास्थ्य केन्द्र व दो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण ठप पड़ा है।
जिले के गांव-गांव तक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने स्वास्थ्य विभाग ने बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ विकासखंड में 127 उपस्वास्थ केन्द्र का संचालन किया जा रहा है। इसमें से 31 केन्द्र भवन विहीन हंै। प्रभावित केन्द्रों का संचालन दीगर शासकीय भवन, किराए के मकान एवं अन्य स्थानों किया जा रहा है। अस्थायी भवनों में संचालन के कारण अस्पताल के मापदंड पूरे नहीं हो रहे हैं।
इन केंद्रों के पास नहीं अपने भवन
जिले में 31 भवन विहीन उपस्वास्थ्य केन्द्रों में साजा विकासखंड के 9 केन्द्र शामिल हैं, जिसमे ग्राम कुरलु, मोहतरा, नवागांव कला, श्यामपुर, कांपा, हाडाहुली, बोरतरा, हाटराका, हरडुवा शामिल है। ख्ंाडसरा बेमेतरा विकासखंड में 7 केन्द्र भवन विहीन है जिसमे झाल, बैजलपुर, अर्जुनी, जांता, बंधी, भन्सुली आर, मउ हैं। बेरला विकासखंड में भेडनी, संडी, खम्हरिया, उफरा, अतरंगढ़ी, सिगारडीह, परपोड़ा, नवागढ़ विकासखंड में 8 केन्द्र ठेगाभाट, गाडामोर, गाढ़ा मोड़ गोढ़ीकला, कुरां हाथाडाडु व रनबोर, नगधा, लोहडगिया शामिल हैं। चारों विकासख्ंाडों मे सबसे अधिक 9 केन्द्र साजा क्षेत्र में भवन विहीन है।
खंडसरा में स्थल तय पर विवाद के कारण लंबित
जिले के 5 सामुदायिक केन्द्रों में से 4 केन्द्रों के लिए भवन पूर्व से है, वहीं खंडसरा सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र के लिए बजट स्वीकृत कर भवन के लिए फंड जारी किया गया है, जिसके लिए चयनित स्थल पर विवाद होने से निर्माण शुरू नहीं किया जा सका है।
दूरस्थ इलाकों पीएचसी की हालत सही नहीं
जिले के दूरस्थ इलाकों में प्राथमिक उपचार व शासकीय योजनाओं के संचालन के लिए मैदानी इलाकों के उपस्वास्थ्य केन्द्रों में भवन संबंधी दिक्कत नजर आ रही है। प्रभावित केन्द्रों के आंगनबाडी भवन, गांधी भवन या दीगर छोटे भवनों में संचालित किया जा रहा है, जहा सुविधा नजर नहीं आ रही है। जिले में स्वास्थ्य विभाग के पास भवन विहीन केंद्रों के अलावा कई ऐसे उप स्वास्थ्य केन्द्र भी हैं, जहां पर भवन का संचालन जर्जर भवनों में किया जा रहा है।
ऐसे प्रभावित केन्द्रों में साजा के ग्राम ओडिया, देवकर, बेमेतरा मे उमरिया, कुरदा, देवरबीजा व झाल उपस्वास्थ्य केंद्र का भवन जर्जर है। वहीं ग्राम बालसमुन्द्र, बहेरा, अमोरा केन्द्र के भवनों को डिस्मेंटल करना जरूरी बताया जा रहा है। जिन्हे तोडऩे के बजाए खतरेे के बीच केन्द्र का संचालन किया जा रहा है। भवन विहीन केन्द्रो के लिए शासन ने बाकायदा फंड जारी कर निर्माण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को दी है।
4 वर्षों में भवन पूरा करना तो दूर 12 केंद्रों के भवन का निर्माण तक शुरू नहीं हो पाया है। जिसमें सहसपुर, अर्जुनी, किरीतपुर, कुरूद, बाधुल झाकी में आवंटन नहीं होने के कारण 4 वर्षों से नया आवंटन नहीं आने के कारण निर्माण शुरू नहीं हो सका है। तेदुवा, बैजलपुर, भदाराली, मेहना, मुरता व जेवरा में भी यही स्थिति है, जिसके कारण अस्पतालों का संचालन आगनबाड़ी केंद्रों में किया जा रहा है। वहीं केवल नवागांव कला, कुरूद, झाकी में केंद्रों में ही निर्माण कार्य प्रांरभ हुआ है। बजट के अभाव में 4 वर्षों से निर्माण अधूरा है।
इसी तरह 20 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 18 केन्द्रों के पास भवन है पर कारेसरा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में फिनिशिंग प्लास्टर, फ्लोरिंग, खिड़की, दरवाजा लगाया जाना बाकी है। वही मरका केन्द्र में 2011 से भवन निर्माण स्वीकृत किया गया है। मरका में लोक निर्माण विभाग को निर्माण कराना था पर 2015 में निर्माण एजेन्सी बदलकर सीजीएमसी को जिम्मेदारी दी गई है।
जिसके बाद 19 जनवरी 2018 को शासन को प्रकरण प्रेषित किया गया है पर आज 9 महीने बाद भी प्रकरण को आगे नही बढ़ाया जा सका है। जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी बेमेतरा डॉ. एसके शर्मा जिले में 31 उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन विहीन है, जहां पर वैकल्पिक तौर पर दीगर भवनों में संचालन किया जा रहा है। पर जिन भवनों का आवंटन लंबित है वहां के लिए उच्च कार्यालय को पत्र व्यवहार किया जाएगा।
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