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सब्जियों के दाम घटने से परेशान थे किसान, अब खराब मौसम ने बढ़ाई चिंता, फिर से टमाटर फेंकने की आ गई नौबत

locationबेमेतराPublished: Dec 15, 2018 01:07:13 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

जिले में 6623 से अधिक हेक्टेयर में किसान सब्जी उगा रहे हैं। गोभी, टमाटर, भिंडी, भाजी, मूली, धनिया के उत्पादक किसान फसल को इल्ली से बचाने की जुगत कर रहे हैं।

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सब्जियों के दाम घटने से परेशान थे किसान, अब खराब मौसम ने बढ़ाई चिंता, फिर से टमाटर फेंकने की आ गई नौबत

बेमेतरा. जिले में सब्जी उत्पादक मौसम की स्थिति से मायूस होने लगे हैं। पखवाड़ेभर से जारी बदली के कारण फसल की मांग कम हुई है। साथ ही बाजार में सब्जी के काम भी कम हो गए हैं। जिले में साजा, बेमेतरा, बेरला के गांवों में हजारों किसान सब्जी एवं फल की पैदावारी कर रहे हैं, जिन्हें मौसम ने चिंता में डाल रखा है।
दोतरफा समस्या बनी हुई
जिले में 6623 से अधिक हेक्टेयर में किसान सब्जी उगा रहे हैं। गोभी, टमाटर, भिंडी, भाजी, मूली, धनिया के उत्पादक किसान फसल को इल्ली से बचाने की जुगत कर रहे हैं। किसानों की माने तो फसल बचाने के साथ बाजार भाव का कम होना उनके लिए दोतरफा समस्या बनी हुई है।
इन गांवों में टमाटर का उत्पादन हो रहा
जिले में सबसे ज्यादा टमाटर की पैदावारी होती है। किसान 1620 हेक्टेयर में टमाटर का उत्पादन कर रहे हैं। जिले में 40530 मीट्रिक टन टमाटर का उत्पादन किया जा रहा है। ग्राम सेमरिया, पदमी, धिवरी, बहुनवागांव, हेडसपुर, पदुमसरा, साजा, बेमेतरा, फरी, मोहभट्ठा, लोलेसरा, सैगोना, सरदा, लेजवारा, कुसमी, हरदी, बालसमुंद्र, भेडनी, सावतपुर, हथमुडी, निनवा, भुसंडी सौरी, मटिया, कुरुद, चिखली समेत सैकड़ों गांवों में टमाटर का उत्पादन किया जा रहा है।
टमाटर खपाना पड़ रहा
टमाटर उत्पादक किसान फेरहा निर्मलकर ने बताया कि टमाटर खुले बाजार में 10 रुपए में डेढ़ से दो किलो की दर से बिक रहा है। थोक में टमाटर 2 से 3 रुपए बिकता है। जिसके कारण फसल का उत्पादन तक नहीं निकल रहा है। दूसरी तरफ शहर के बाहर मांग नहीं होने के कारण भी किसानों को स्थानीय बाजार में टमाटर खपाना पड़ रहा है।
टमाटर के अलावा धनिया एवं मैथी का भाव कम हुआ है। थोक में धनिया 20 रुपए और मैथी 22 रुपए की दर से बिक रही है। किसानों ने लागत को देखते हुए दाम कम होना बताया है। किसान रामचंद साहू ने कहा कि आने वाले दिनों में यही स्थिति रही तो हमें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
किचन गार्डन में भी फसल खराब होने लगी
दिनेश गुप्ता ने बताया कि आमतौर पर गांवों में लोग बाड़ी बनाकर घरेलू उपयोग के लिए सब्जी की पैदावारी करते हैं। साथ ही किचन गार्डन के तौर पर लोग कई तरह की सब्जी छोटे स्तर पर उगाते हैं। इस तरह के प्रयास भी मौसम के कारण बेकार होने लगे हंै किचन गार्डन व बाड़ी में लगाई जाने वाली सब्जी भी मैासम से प्रभावित होने लगी है।
कृषि अधिकारी बेमेतरा शशांक शिंदे ने बताया कि मौसम की वजह से सब्जी का फसल प्रभावित होने लगा है। दीगर फसलों की अपेक्षा बादल छाने से सब्जी का उत्पादन प्रभावित होने का खतरा मंडराने लगा है। बीते 15 दिनों से मौसम खराब होने से सब्जी की फसलों में कीट का प्रकोप बढ़ गया है। साथ ही दिनभर बादल छाए रहने के कारण मसूर, तिवरा एवं धनिया की फसल को नुकसान हो रहा है। मौसम खराब होने के चलते सब्जियों के दाम गिर गए हैं। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है।
बीते 15 दिनों से आसमान में बादल छाए रहने के कारण सब्जियों के दाम गिर चुके हैं। 15 दिन पहले चिल्हर में 20 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर आज 20 का 3 रुपए किलो बिक रहा है। थोक मार्केट में 80 से लेकर 100 रुपए कैरेट (एक कैरेट में लगभग 25 किलो) तक बिक रहा है। ऐसा ही मौसम आगे रहा तो किसानों को टमाटर के दाम और गिरने की आशंका है।
वैसे ही थोक में बैगन का रेट 5 से 8 रुपए किलो है तो चिल्हर में 15 से 20 रुपए है। गोभी का थोक मंडी में रेट 8 से 10 रुपए है, जो चिल्लर में 15 से 20 रुपए बिक रहा है। थोक मंडी में सेमी 15 से 20 रुपए बिक रही है तो बाजार में 40 से लेकर 60 रुपए किलो तक बेचा जा रहा है।
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