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बेमौसम बारिश से फसलों को हुई क्षति का शासन ने कराया नजरी आकलन, 25 वर्षों में जनवरी-फरवरी में सबसे अधिक हुई बारिश

locationबेमेतराPublished: Feb 21, 2020 11:39:52 pm

जनवरी के अंतिम सप्ताह व फरवरी माह के प्रथम पखवाड़ा के दौरान मौसम की वजह से चना व अन्य फसल को हुए नुकसान का कृषि विभाग ने नजरी आकलन कराया है। बारिश के दौरान 12 हजार से अधिक किसानों की फसल खराब होने की बात सामने आई है।

बेमौसम बारिश से फसलों को हुई क्षति का शासन ने कराया नजरी आकलन, 25 वर्षों में जनवरी-फरवरी में सबसे अधिक हुई बारिश

बेमौसम बारिश से फसलों को हुई क्षति का शासन ने कराया नजरी आकलन, 25 वर्षों में जनवरी-फरवरी में सबसे अधिक हुई बारिश

बेमेतरा @ patrika. जनवरी के अंतिम सप्ताह व फरवरी माह के प्रथम पखवाड़ा के दौरान मौसम की वजह से चना व अन्य फसल को हुए नुकसान का कृषि विभाग ने नजरी आकलन कराया है। बारिश के दौरान 12 हजार से अधिक किसानों की फसल खराब होने की बात सामने आई है। सर्वे के बाद स्थिति की जानकारी शासन को दे दी गई है। जिले में 20 फीसदी से अधिक फसल प्रभावित होने की बात सामने आई है।

फरवरी में बारिश का सर्वाधिक आंकड़ा हुआ दर्ज
बताना होगा कि जनवरी के अंतिम सप्ताह और फरवरी के पहले 10 दिनों के दौरान जिले के पांच तहसीलों में बेमेतरा तहसील में 22.60 एमएम, बेरला में 38 एमएम, साजा में 16 एमएम व नवागढ़ में 7.60 एमएम बारिश हुई है। अब तक 102.20 एमएम बारिश हुई है। औसतन 20.14 एमएम बारिश का आंकड़ा दर्ज किया गया है। फरवरी माह में बीते 25 वर्ष के दौरान हुई बारिश का सर्वाधिक आंकड़ा इस बार दर्ज हुआ है। इस रिकार्ड बारिश की वजह से जिले में रबी फसल प्रभावित हुआ था।

इस बार गेहूं का रकबा 18764 हेक्टेयर
जिले में रबी फसल सीजन के दौरान अनाज, दलहल, तिलहन व गन्ना, साग-सब्जी व अन्य कई तरह के नकद फसलें ली जाती हैं। चूंकि खरीफ फसल के बाद दूसरी फसल लेने का चलन है, जिसके चलते किसान नकद फसल याने दाल में चना, साग सब्जी की पैदावारी करते हैं। जिले में इस बार गेहूं का रकबा 18764 हेक्टेयर है। वही ं254 हेक्टेयर में धान व मक्का की फसल ली जा रही है। इसके अलावा चना 105780 हेक्टेयर, मटर 363 हेक्टेयर, मसूर 2205 हेक्टेयर, उड़द 2 हेक्टेयर, मूंग 5 हेक्टेयर व तिवडा की फसल 120949 हेक्टेयर में ली जा रही है।

712 हेक्टयर म सरसो व 83 हेक्टयर में अलसी का उत्पादन
तिलहन फसलों में सरसो 712 हेक्टेयर, अलसी 83 हेक्टेयर, कुसुम 62 हेक्टेयर, तिल 5 हेक्टेयर व अन्य नकद फसलों में साग सब्जी 4046 हेक्टेयर, गन्ना 2620 हेक्टेयर व अन्य तरह के फसल 2440 हेक्टेयर में लिया गया। फसल संकट में रहा है।

13250 किसानों की फसल हुई प्रभावित
शासन के निर्देश पर हुआ सर्वे कृषि उपसंचालक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में बेमौसम बारिश होने के दौरान शासन के निर्देशों के बाद सर्वे कराया गया था। जिसमें साजा तहसील के 120 गांवों में 7845 किसान, बेरला के 20 गांवों मेें 1211 किसान, बेमेतरा तहसील के 31 गांवों के 404 किसान, नवागढ़ के 10 गांवों के 248 किसान व थानखम्हरिया तहसील के 58 गांवों के 3542 किसानों की फसल प्रभावित हुई है। जिले के 248 गांवों के 13250 किसानों का हजारों हेक्टेयर फसल बारिश की वजह से प्रभावित हुई है।

साजा व थानखम्हरिया क्षेत्र में हुई नुकसान
जिले में बारिश की वजह से साजा व थानखम्हरिया क्षेत्र में अधिक नुकसान की बात सर्वे में सामने आई है। दोनों तहसीलों में 10 हजार से अधिक किसानों की फसल को क्षति हुई है। हांलाकि जुटाए गए आंकड़ों को नजरी आकलन होना बताया जा रहा है। इसके बाद वास्तविक सर्वे होगा। जिसके आधार ही बीमा का क्लेम की जानकारी हो सकेगी। खरीफ जिले में रबी फसल के दौरान 31302 किसानों ने प्रधानमंत्री फसल योजना के तहत रबी फसल का बीमा कराया है। जिले में एक लाख से अधिक किसान हैं, पर बीमा कराने वालों की संख्या कम है। बहरहाल वास्तविक आकलन का इंतजार किया जा रहा है।

क्लेम की जानकारी शासन को दी गई : राजपूत
एप संचालक एचएस राजपूत ने बताया कि बारिश होने के दौरान जिले में प्रभावित फसल की जानकारी शासन को प्रस्तुत किया जा चुका है। नजरी रिपोर्ट के अनुसार जिले के 248 गांवों में 13 हजार से अधिक किसान प्रभािवत हुए हैंं। आने वाले समय में शासन स्तर से आदेश आने पर ही आगे की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

चने की फसल का किया निरीक्षण
थान खम्हरिया तहसील समीपस्त ग्राम पंचायत बरगा में किसान संगवरी रेवाराम पाल कृषि विस्तार अधिकारी एके मालवीय, बीमा कम्पनी से सुखनंदन साहू, नवनिर्वाचित सरपंच मीना-नोहर (बल्लूपाल) कोटवार ईश्वर गंधर्व तथा ग्रामवासी खेमसिंह वर्मा, हेमंत साहू, बिसाहू साहू, भोलाराम, तखतराम साहू, ललितराम साहू, खेमलाल साहू, बाबूराम साहू, भागवत साहू, भुखन तुरकाने की उपस्थिति में बेमौसम बारिश से प्रभावित चने की फसल का निरीक्षण किया। क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा व बदली के कारण चना व गेहूं के साथ सब्जी की फसल बुरी तरह प्रभावित हो गई है। पीडि़त किसान सरकार से आशा की टकटकी लगाए बैठे हंै कि उपयुक्त सहायता कर आर्थिक रूप से तबाह हो चुके किसानों को राहत राशि देगी।

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