प्रदर्शनकारी समीर बाजपेयी ने बताया कि करीब सालभर पहले आरोपी को अनाचार के मामले में जेल भेजा गया था। मामले में आरोपी को 3 महीने पहले हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। इसके बाद आरोपी रविवार को गरीब आदिवासी बालिका को कबाड़ के बहाने घर बुलाकर अनाचार किया। इस घिनौने कृत्य के लिए शहर के सिग्नल चौक के पास बुधवार शाम 7 बजे युवाओं ने हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर आरोपी को फांसी दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान आकाश शर्मा, संकर्षण मिश्रा, लक्ष्मण देवांगन, श्रीकांत त्रिपाठी, सुमीत बजाज, आकाश गुप्ता, चैतन्य राजपूत, रजत दुबे, सुखराम रजक आदि मौजूद थे।
इस घटना को लेकर समाज के हर तबके के लोगों में खासी नाराजगी है। इसी क्रम में गुरुवार को शाम 7 बजे 100 से अधिक लोगों ने शहर के पुराना बस स्टैंड में प्रदर्शन किया। इस दौरान युवाओं ने चौक के चारों ओर मानव श्रृंखला बनाकर आदिवासी बालिका को न्याय दिए जाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने आरोपी को फांसी दिए जाने की मांग को लेकर तहसीलदार मरावी को ज्ञापन सौपा। इस दौरान दीपक मोटवानी, ललिता साहू, नीतू कोठारी, पंचू साहू, रौनक चांवला, विनय रोहरा, सुमीत विरानी, श्याम सलूजा, मोंटी साहू, मनीश छाबड़ा, साहिल सुखवानी, मनीश तिवारी आदि मौजूद थे।
समाजसेवी रमन काबरा ने कहा कि आज के माहौल में महिलाएं सुरक्षित नहीं है। सरकार के साथ हम सभी की जिम्मेदारी है कि ऐसा माहौल बनाया जाए जिसमें महिलाएं अपने आपको सुरक्षित माने। बच्चियों के साथ आए दिन हो रही रेप की घटनाएं चिंता का विषय है। समाज से इस विकृति को दूर करने सामूहिक प्रयास की जरुरत है। जिसमें सोशल मीडिया के दुरुपयोग से बचने के साथ हर समाज की बैठक में महिलाओं के सम्मान के मुद्दे को प्राथमिकता से शामिल किया जाना चाहिए।
शिक्षाविद् जीवनधर दीवान ने कहा कि बच्चों को बचपन से संस्कार की शिक्षा दिया जाना अनिवार्य हो गया है। आज पाश्चात्य संस्कृति की वजह से माहौल दूषित हो रहा है। बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ अपने से बड़े, माता-पिता व महिलाओं का सम्मान करने का सीख देना जरुरी है।
विधायक आशीष छाबड़ा ने कहा कि मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है। इस तरह के कृत्य करने वाले व्यक्ति को तत्काल फांसी होनी चाहिए। ताकि ऐसी दूषित मानसिकता के लोगों को कड़ा संदेश मिले। सारी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन पर ना डालकर समाज के हर वर्ग को महिलाओं के सम्मान व सुरक्षा को प्राथमिकता देना चाहिए।