बैंकों में भीड़ बढऩे से परेशानी बढ़ी, एटीएम भी नहीं होने से ग्रामीणों को बैंकिंग कार्य में हो रही दिक्कत, राष्ट्रीयकृत बैंक व एटीएम की है मांग
बेमेतरा/दाढ़ी . सरकार केशलेस लेन-देन को बढ़ाने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रही है। लेकिन इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी गांव-गांव में बैंकिग सुविधा देने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं कर रही है। जिसके कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बेमेतरा जिले के कई गांवों में राष्ट्रीयकृत बैंक की सुविधा नहीं है। वहीं एटीएम भी नहीं होने से ग्रामीणों को बैंकिंग
कार्य में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों को लेनदेन करने के लिए बैंकों में घंटों तक लाइन लगकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है।
दो कमरों के भवन में संचालित हो रहा बैंकबताना होगा कि 60 गांवों का व्यापारिक केंद्र होने के बावजूद दाढ़ी क्षेत्र में एक भी एटीएम नहीं है। यहां मात्र दो बैंक छग राज्य ग्रामीण बैंक और जिला सहकारी बैंक है। जहां से ग्रामीण असुविधा के बीच लेनदेन करते हैं। यहां पर रोजाना सैकड़ों लोगों की भीड़ रहती है। मात्र दो कमरों के बैंक में गर्मी व भीड़ की वजह से बैंक कर्मचारी भी परेशान हो जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र के 15 किमी के दायरे में एक भी एटीएम नहीं है। वहीं 12 किमी दूर छिरहा में राष्ट्रीयकृत बैंक है। ग्रामीणों ने मांग की है कि क्षेत्र में राष्ट्रीयकृत बैंक खोला जाए और एटीएम मशीन भी लगाई जाए। ताकि बैंकिंग लेन-देन की दिक्कत दूर हो।
बैंक में दिनभर लाइन लगाने के बाद होता है कामजिला कांग्रेस कमेटी के सचिव शिशिर दुबे ने बताया कि कैशलेस लेनदेन के लिए सरकार हर कार्य को बैंक के माध्यम से करा रही है। पेंशन, छात्रवृत्ति, मनरेगा भुगतान, शौचालय निर्माण की राशि का भुगतान, फसल बीमा व सूखा राहत राशि का भुगतान सभी कुछ बैंकों के माध्यम से ही हो रहा है। ऐसे में बैंक में लोगों की भीड़ बढ़ गई है। जिसके कारण बैंकिंग जैसी सुविधा भी लोगों के लिए सिरदर्द बन गई है। रुपए जमा करने जाओ या निकालने जाओ दिनभर लाइन लगने के बाद ही काम हो पाता है। दुबे ने बताया कि क्षेत्र के उपभोक्ता बैंक प्रबंधन से आधुनिक सेटअप व एटीएम मशीन लगाने की मांग कई साल से कर रहे हैं। ग्रामीणों ने इस संबंध में जनदर्शन में जाकर कलक्टर को भी आवेदन सौंपा है। दुबे ने कहा कि ग्रामीणों को कैशलेस लेनदेन के लिए प्रेरित करने के लिए क्षेत्र में एटीएम व राष्ट्रीयकृत बैंक का होना सबसे ज्यादा जरूरी है।
प्रधान कार्यालय के अधिकारियों को दी है जानकारीछग राज्य ग्रामीण बैंक के दाढ़ी शाखा प्रबंधक दिलीप पांडे ने कहा कि बैंक स्थापना के समय से अब तक मात्र दो कमरों में ही संचालित हो रहा है। वर्तमान में उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ जाने की वजह से जगह छोटी पड़ रही है। एक ही काउंटर में जमा व निकासी करना पड़ता है। जिसके कारण उपभोक्ताओं को परेशानी होती है। इन हालातों से प्रधान कार्यालय
बिलासपुर के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। एटीएम के लिए भी रखी गई है।