कोरोना संकट को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में 6 अगस्त तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है। ऐसी स्थिति में समूहों को सूखा राशन की उपलब्धता में काफी दिक्कत होगी। नतीजतन तय समय सीमा में राशन सप्लाई कर पाना संभव नहीं दिखाई पड़ रहा है। गौरतलब हो कि लॉकडाउन के दौरान खाद्य सामग्री महंगे में बेचने के कारण कई दुकानदारों पर कार्रवाई हुई थी। समूह संचालकों को इस समस्या से भी गुजरना होगा।
शासन-प्रशासन ने स्कूली बच्चों को सूखा राशन वितरण करने की आदेश तो थमा दिया है, लेकिन पैकेजिंग चार्ज अलग से समूहों को नहीं दिया जा रहा है। इससे समूहों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। तेल व आचार की पैकिंग करते वक्त बेहद परेशानियां झेलनी पड़ती है। साथ ही अलग-अलग पैकेट बनाने में समय अधिक लगता है। पूर्व में पॉलिथिन से तेल रिसने की शिकायतों का अंबार लग गया था। अब समूह संचालक संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर अपनी परेशानियों से अवगत कराएंगे। डीईओ बेमेतरा सीएस धु्रवे ने बताया कि समूहों को बीज निगम से बड़ी खरीदने का आदेश शासन से मिला है। इसलिए बीईओ के माध्यम से समूहों को शासन के आदेश से अवगत कराया गया है। बीते समय कुछ समूहों ने बाजार से खरीदी गुणवत्ताहीन बड़ी का वितरण किया था। इस बार बीज निगम से बड़ी की खरीदी का कड़ाई से पालन कराया जाएगा।