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स्कूली बच्चों के सूखा राशन में बड़ा झोल, बाजार से 40 रुपए अधिक दाम में सोयाबीन बड़ी दे रहा प्रशासन

locationबेमेतराPublished: Jul 29, 2020 11:43:43 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

खुले बाजार में सोयाबीन बड़ी करीब 70 रुपए प्रति किलो मिल रहा है। जबकि प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली बड़ी का दर 112 रुपए निर्धारित किया गया है। दोनों दर में करीब 45-50 रुपए का अंतर होने के कारण समूह संचालक बड़ी खरीदने में असमर्थता जता रहे हैं।

स्कूली बच्चों के सूखा राशन में बड़ा झोल, बाजार से 40 रुपए अधिक दाम में सोयाबीन बड़ी दे रहा प्रशासन

स्कूली बच्चों के सूखा राशन में बड़ा झोल, बाजार से 40 रुपए अधिक दाम में सोयाबीन बड़ी दे रहा प्रशासन

बेमेतरा. कोरोना काल में 16 जून से 10 अगस्त तक स्कूली बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में 45 दिवस के लिए फिर से सूखा राशन वितरण करने का आदेश लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर ने जारी किया है। पूर्व के भांति इस बार भी चावल, दाल, सोयाबीन बड़ी, तेल व नमक शासन से निर्धारित मात्रा में वितरण किया जाना है। इधर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से वितरण की जाने वाली बड़ी की खरीदी बीज निगम से करने के आदेश जारी किए गए हैं। आदेश पश्चात बीएमओ कार्यालय के अधिकारी समूह प्रमुखों से दर्ज के आधार डिमांड नोट मांग रहे हैं।
समूह प्रमुखों के अनुसार खुले बाजार में सोयाबीन बड़ी करीब 70 रुपए प्रति किलो मिल रहा है। जबकि प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली बड़ी का दर 112 रुपए निर्धारित किया गया है। दोनों दर में करीब 45-50 रुपए का अंतर होने के कारण समूह संचालक बड़ी खरीदने में असमर्थता जता रहे हैं। सूखा राशन बांटने में अब समूह भी कतराने लगे है। इसका कारण है कि शासन सभी वस्तुओं की पैकिंग व मेहताना शुल्क अतिरिक्त नहीं देती है। साथ ही तेल व आचार की पैकिंग करने में भारी परेशानी उठानी पड़ती है। आदेशानुसार मध्यान्ह भोजन कक्षा पहली से कक्षा 8वीं तक के उन बच्चों को जिनका नाम शासकीय शाला, अनुदान प्राप्त अशासकीय शाला अथवा मदरसा में दर्ज है, उन्हें ही मध्यान्ह भोजन सामग्री दिया जाना है।
लॉकडाउन में खाद्य सामग्री मिलना मुश्किल होगा
कोरोना संकट को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में 6 अगस्त तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है। ऐसी स्थिति में समूहों को सूखा राशन की उपलब्धता में काफी दिक्कत होगी। नतीजतन तय समय सीमा में राशन सप्लाई कर पाना संभव नहीं दिखाई पड़ रहा है। गौरतलब हो कि लॉकडाउन के दौरान खाद्य सामग्री महंगे में बेचने के कारण कई दुकानदारों पर कार्रवाई हुई थी। समूह संचालकों को इस समस्या से भी गुजरना होगा।
पैकेट बनाने का खर्च न मिलने से समूह को नुकसान
शासन-प्रशासन ने स्कूली बच्चों को सूखा राशन वितरण करने की आदेश तो थमा दिया है, लेकिन पैकेजिंग चार्ज अलग से समूहों को नहीं दिया जा रहा है। इससे समूहों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। तेल व आचार की पैकिंग करते वक्त बेहद परेशानियां झेलनी पड़ती है। साथ ही अलग-अलग पैकेट बनाने में समय अधिक लगता है। पूर्व में पॉलिथिन से तेल रिसने की शिकायतों का अंबार लग गया था। अब समूह संचालक संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर अपनी परेशानियों से अवगत कराएंगे। डीईओ बेमेतरा सीएस धु्रवे ने बताया कि समूहों को बीज निगम से बड़ी खरीदने का आदेश शासन से मिला है। इसलिए बीईओ के माध्यम से समूहों को शासन के आदेश से अवगत कराया गया है। बीते समय कुछ समूहों ने बाजार से खरीदी गुणवत्ताहीन बड़ी का वितरण किया था। इस बार बीज निगम से बड़ी की खरीदी का कड़ाई से पालन कराया जाएगा।
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