पुलिस के अनुसार जिले में हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट में आवास दिलाने के नाम पर पंडरिया निवासी सतीश दुबे एवं उसके परिजनों से अजय उमरे ने 50-50 हजार रुपए नगद ले लिया। इसके बाद सतीश दुबे को आवास नहीं मिला। उन्होंने अजय से कई बार संपर्क कर नगद राशि वापस मांगी। तब अजय ना-नुकुर किया। इसी तरह स्वर्णलता दुबे, आस्था मिश्रा, सविता तिवारी, सविता मिश्रा, सुषमा पांडेय, तुलेश्वर चौहान, पूर्णेंद्र तिवारी से राशि प्राप्त कर लिया। उन्हें मोबाइल नंबर दिया और कहा कि संपर्क करते रहना। उसने राशि जमाकर पावती देने का वादा किया था। फिर मोबाइल बंद कर दिया।
प्रार्थी सतीश दुबे ने व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर पावती के लिए लगातार मांग की। लेकिन कुछ लोगों को फर्जी पावती दे दिया। संपदा अधिकारी छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल कवर्धा के नाम से पावर्ती देना दर्शाया गया था, जिस पर संदेह होने पर सभी कवर्धा कार्यालय में संपर्क किया। लोगों को पता चला कि यह पावती फर्जी है। इस संबंध में अजय उमरे से चर्चा की गई तो उसने अपनी पावती को सही बताया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी बीजाभाठ में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल में मकान दिलाने के नाम पर प्रार्थी को बीजाभाठ ले गया। वहां बने भवन को दिखाकर खुद गृह निर्माण मंडल का एजेंट बताया और प्रत्येक सदस्य से 50-50 हजार रुपए ले लिया। हकीकत यह है कि अजय उमरे का हाउसिंग बोर्ड से कोई वास्ता नहीं है।