ग्राम कटई में लगभग 40 वर्षों से लगातार जून से फरवरी तक विदेशी पक्षियों का कलरव सुनकर गांव के लोग मंत्र मुग्ध होते है और शाम को आसमान में आसमानी करतब दिखाते साइबेरियन पक्षी को देखकर मानो ग्रामीणों की दिन भर की थकान मिट जाती है। वही फरवरी के अंत में गर्मी की आहट मिलते ही विदेशी मेहमान आशियाना छोड़ देते है और 4 महीने के लिए ठंडे इलाकों में चले जाते है। कटई गांव में आने वाले विदेशी मेहमानों की गांव वाले भी बखूबी मेहमान नवाजी करते हैं और उन्हें किसी भी प्रकार का कोई भी नुकसान नहीं पहुंचाया जाता है और उनके शिकार पर भी पूर्णत: प्रतिबंध लगा रखे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के निश्चित पेड़ में ही उनका बसेरा होता है और वह आते ही अपना नया बसेरा बना लेते हैं यह उनका प्रजनन काल होता है।