रोजी-मजदूरी और खेती-किसानी कर परिवार चलाता था युवक के आत्महत्या की सूचना पर पहुंची दाढ़ी थाना की टीम ने शव का पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा। जहां मृतक के पिता राधेलाल गायकवाड के साथ-साथ परिजन सोनकुमार, प्रेमचंद व अन्य पहुंचे थे। राधेलाल ने बताया कि उसके नाम पर गांव में पांच एकड़ कृषि भूमि है, इसके अलावा मृतक और उसके भाई अजय के नाम पर आधा-आधा एकड़ जमीन है। परिजन ने बताया कि भगवती विवाहित था, और उसका पांच साल का एक बेटा भी है। भगवती रोजी-मजदूरी और खेती-किसानी कर परिवार चलाता था। एक दिन पहले ही भगवती मकान के लिए ईंट बनाने भूसा लेकर आया था। लेकिन अचानक शाम को वह कहीं चला गया और लौटकर नहीं आया। दूसरे दिन गुरुवार को उसके पीपल के पेड़ में फंदा लगाकर आत्महत्या करने की सूचना मिली।
बीमारी से था परेशान
परिजन ने बताया कि भगवती शारीरिक बीमारी से कई महीनों से परेशान था। इलाज के लिए पिता राधेलाल ने अपने किसान क्रेडिट कार्ड से दाढ़ी स्थित ग्रामीण बैंक से लोन लिया था। इसके अलावा भगवती ने भी अपने परिचितों से बीमारी के लिए उधार लिया था। बीमारी का अनेक जगह इलाज कराने के बाद भी उसे राहत नहीं मिली थी, जिससे वह परेशान रहा करता था।
परिजन ने कहा-खराब फसल से कर्ज की चिंता परिजन का कहना है कि जिले के अन्य किसानों की तरह वह भी बीते तीन सालों से अकाल के कारण खराब हो रही फसल को लेकर चिंतित था। इस बार भी फसल अच्छी नहीं हुई थी, जिसके कारण लिए गए कर्ज को चुकाने की चिंता सता रही थी। जीवनयापन के लिए हाथ में महज आधा एकड़ जमीन होने से उसे परिवार के पालन-पोषण की चिंता सता रही थी।
प्रशासन बोला- पारिवारिक विवाद में खुदकुशी किसान के आत्महत्या किए जाने की खबर ने जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को परेशानी में डाल दिया है। यही वजह है कि प्रशासन ने जिला जनसंपर्क विभाग के माध्यम आनन-फानन में बयान बताया कि भगवती प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत पात्र सूची में शामिल है। आत्महत्या का कारण पारिवारिक विवाद एवं शारीरिक बीमारी है।