पहली दफा कम हुई संख्या बताना होगा कि जिले के सबसे बड़े महाविद्यालय मे पहली दफा परीक्षार्थियों की संख्या कम हुई है। इससेे पूर्व महाविद्यालय में परीक्षार्थियों की संख्या में इजाफा होता रहा है। महाविद्यालय प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार, महाविद्यालय में निर्धारित तिथि तक कला, विज्ञान और वाणिज्य संकाय में कुल 4518 परीक्षार्थियों ने आवेदन प्रस्तुत किया है, जिसके चलते परीक्षा के दैारान प्रंबधन पर 1104 परीक्षार्थियों का दबाव कम होगा।
माना जा रहा है कि जिले में दीगर जिले से आकर परीक्षा दिलाने वालों की संख्या में कमी आई है, वहीं दुर्ग विश्वविद्यालय से जुड़े होने के कारण दीगर जिले व विश्वविद्यालय के परीक्षार्थियों ने महाविद्यालय को परीक्षा के लिए सेंटर नहीं चुका है। इसका असर परीक्षार्थियों की संख्या पर नजर आ रहा है।
स्कूलों को बनाना पड़ता था केंद्र बताना होगा कि स्नातकोत्तर महाविद्यालय प्रबंधन के लिए परीक्षा के दौरान 5500 से अधिक परीक्षार्थियों को संभालना एक बड़ी समस्या हुआ करता था। महाविद्यालय भवन में जगह कम होने की वजह से कला व व विज्ञान संकाय की परीक्षा के लिए कन्या हायर सेकंडरी व बालक हायर सेकंडरी स्कूल को परीक्षा केंद्र बनाना पड़ता था। इससे न केवल महाविद्यालय प्रबंधन बल्कि परीक्षार्थियों को भी समस्या का सामना करना पड़ता था।
पहली बार होगी तीनों वर्ष की परीक्षा पं. रविशंकर विश्वविदयालय से अलग होने के बाद दुर्ग विश्वविद्यालय से जुडऩे के बाद स्नातकोत्तर महाविद्यालय समेत जिले के बेरला, नवागढ़, साजा, थानखम्हरिया व बेमेतरा स्थित कन्या महाविद्यालय समेत कुल 7 महाविद्यालयों में पहली बार संकायों की प्रथम वर्ष से लेकर अंतिम वर्ष की परीक्षा दुर्ग विश्वविद्यालय द्वारा ली जाएगी। इसके अलावा स्नातकोत्तर की भी परीक्षा दुर्ग विश्वविद्यालय द्वारा पहली बार ली जाएगी। बहरहाल, स्नातकोत्तर महाविद्यालय को परीक्षा केन्द्र चुनने वालों का ग्राफ पहली बार गिरा है। इससे परीक्षा संचालन में प्रबंधन को राहत मिलेगी।