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राज्यपाल अनुसुईया उइके ने बेमेतरा में शिक्षकों के बारे में कह दी बड़ी बात

locationबेमेतराPublished: Sep 10, 2019 11:35:42 pm

शिक्षक दिवस की स्मृति में शिक्षक सम्मान समारोह हुआ। जिले के सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं 10वीं व 12वीं में प्रथम व द्वितीय स्थान हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं का सम्मान किया गया।

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने बेमेतरा में शिक्षकों के बारे में कह दी बड़ी बात

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने बेमेतरा में शिक्षकों के बारे में कह दी बड़ी बात

बेमेतरा. शिक्षक दिवस की स्मृति में शिक्षक सम्मान समारोह हुआ। जिले के सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं 10वीं व 12वीं में प्रथम व द्वितीय स्थान हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं का सम्मान किया गया। मुख्य अतिथि राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि बेमेतरा का यह शिक्षक सम्मान समारोह नागरिकों व दानदाताओं की अनुकरणीय पहल है। यह 34 वर्षो से निरंतर जारी है। उन्होंने कहा कि शिक्षक खुद जलकर दूसरों को प्रकाशित करता है। शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता है। वह जीवन पर्यंत समाज व युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान करते रहता है। उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा – अगर हौसला हो तो, पथ भी आसान होता है। मौत भी आए तो, हिम्मत हार जाते हैं।
हर इनसान से मिलती है सीख
अध्यक्षता कर रहे स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति प्रोफेसर मुकेश कुमार वर्मा ने स्वामी विवेकानंद के कथन का उल्लेख किया और कहा कि शिक्षा का उद्देश्य मनुष्य में संपूर्णता है। उसे जागृत कर उनमें समाहित भाव व विचार को ऊपर लाएं। जिससे मानवता के प्रति जीव जंतु में आदर व सम्मान हो। शिक्षा का गुण हर एक मनुष्य की आत्मा में है। उनमें भी कुछ न कुछ ऐसा गुण होता है, जिससे हमें सीखने और आत्मसात करने की प्रेरणा मिलती है।
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भावी पीढ़ी को संवारते हैं शिक्षक
विशेष अतिथि गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि शिक्षक आने वाली पीढ़ी का सजाने एवं संवारने का काम करते हैं। जिले में अनवरत सम्मान समारोह को अनूठा बताया। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के आगमन को कार्यक्रम की उपलब्धि बताया। विशेष अतिथि गृह विधायक आशीष छाबड़ा भी थे।
1986 में हुई थी समारोह की शुरूआत
बेमेतरा में 33 वर्षों से श्षिक्षक दिवस पर शिक्षक सम्मान समारोह हो रहा है। इस वर्ष आयेजन का 34वां वर्ष है। सेवानिवृत्त शिक्षकों व प्रतिभावान छात्र छात्राओं को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया जाता है। समारोह कि शुरूआत 1986 में तत्कालीन विधायक दाऊ रवेन्द्र सिंह वर्मा ने अधिकारियों एवं नागरिकों के सहयोग से किया। समारोह के पदेन संरक्षक क्षेत्र के विधायक होते हैं। यह सम्मान समारोह विशुद्ध रूप से गैर राजनीतिक है। इसमें विधायक कोई भी राजनीतिक दल से हो, सभी सम्मान समारोह को आगे बढ़ा रहे हैं। स्व. दाऊ रवेन्द्र सिंह, स्व. महेश तिवारी, स्व. चेतन सिंह वर्मा, ताम्रध्वज साहू, अवधेश चंदेल अब वर्तमान विधायक आशीष छाबड़ा समिति के संरक्षक हैं।
जिन्दगी अनमोल है, इसे खुलकर जिएं- राज्यपाल
राज्यपाल अनुसुईया उइके ने बेमेतरा में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत आत्महत्या रोकथाम पर हस्ताक्षर अभियान में शामिल होकर हस्ताक्षर किए। उन्होंने अपने संदेश में लिखा है कि जिन्दगी अनमोल है, जिन्दगी खुल कर जिएं। समिति के पूर्व संरक्षक एवं गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू उपस्थित थे। अध्यक्षता छत्तीसगढ़ विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकेश वर्मा ने की। विधायक एवं समिति के संरक्षक आशीष कुमार छाबड़ा, विधायक नवागढ़ गुरु दयाल सिंह बंजारे, जिला पंचायत अध्यक्ष कविता साहू, कमिश्नर दुर्ग दिलीप वासनीकर, पुलिस महानिरीक्षक हिमंाशु गुप्ता आदि उपस्थित थे।
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