9वीं कक्षा से रह रहे छात्रावास में पीडि़त छात्रा लिकेश्वरी बारले-रमपुरा, धनेश्वरी जोशी-आंदू, अर्चना बारले-केशतरा, दामिनी कोठारी, संध्या गोयल-चारभाठा, सोनकली नौरंगे-तरेगांव, कविता बंजारे-बोरदेही ने बताया कि वे लोग कक्षा 9वीं से बेमेतरा स्थित अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास में रहकर कन्या हायर सेकण्डरी स्कूल में पढ़ाई कर रही थीं। इस वर्ष कक्षा 12वीं में अध्ययनरत हैं, लेकिन जर्जर छात्रावास भवन व संसाधनों की कमी बताकर 20 छात्राओं को छात्रावास से निकाल दिया गया है, जिसके कारण अब उन्हें 15-18 किमी दूर स्थित गांव से आना-जाना कर पढ़ाई को जारी रखे हुए हैं। छात्राओं ने बताया कि गांव से आने-जाने के लिए बस की भी सुविधा नहीं है। बस चलती भी है, तो समय-समय पर ही आती-जाती है।
छात्रावासों की हालत जर्जर शासन-प्रशासन द्वारा एक ओर बालिका शिक्षा के बढ़ावा देने का दावा किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर गांव व घर छोडक़र पढऩे के लिए निकली छात्राओं को छात्रावास से बेदखल कर विपरीत परिस्थिति खड़ा कर पढ़ाई छोडऩे के लिए बेबस किया जा रहा है। केवल बेमेतरा स्थित छात्रावास का ही नहीं बल्कि एक-दो को छोडक़र जिले के कमोबेश सभी 16 छात्रावासों की एक जैसी स्थिति है। कहीं भवन है तो जर्जर है, तो कहीं भवन है तो छात्र-छात्राओं की संख्या के हिसाब से अपर्याप्त है। समय रहते कार्रवाई नहीं करने के कारण यह स्थिति निर्मित हो रही है।
कंडम है अतिरिक्त कक्ष अजा कन्या छात्रावास-बेमेतरा छात्रावास अधीक्षक अनिता साहू का कहना है कि छात्रावास का अतिरिक्त कक्ष कंडम स्थिति में है। अतिरिक्त कक्ष का प्रसाधन उपयोग के लायक नहीं है। वहीं रेलिंग भी खराब हो चुका है। हादसा होने की आशंका है, जिसकी वजह से जारी सत्र में 11वीं से 12वीं में प्रवेश लेने वाली छात्राओं को हटाया गया है। वहीं छात्रावास प्रभारी व डिप्टी कलक्टर बीआर ध्रुव का कहना है कि छात्रावास के अतिरिक्त कक्ष की इंजीनियर से जांच कराई जाएगी, जिसके बाद बजट जारी कर मरम्मत कराई जाएगी।