बेमेतरा

यही रवैया रहा तो जिले में हो सकती है भीषण अग्नि दुर्घटना

जिले की पांच दमकल नहीं आ रही काम, कहीं आग लगे तो कभी ड्राइवर नहीं मिलता, कभी तकनीकी दिक्कत

बेमेतराApr 23, 2018 / 11:46 pm

Laxmi Narayan Dewangan

बेमेतरा . जिले में हर तीसरे दिन आगजनी की घटना सामने आ रही है। जनवरी से लेकर अब तक आगजनी के 40 मामले हो चुके हैं, जिसमें कई मामलों में प्रभावितों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। जिले में आगजनी की होने वाली घटनाओं को देखते हुए शासन ने जिले को पांच दमकल वाहन दिए हैं, लेकिन जरूरत के समय किसी न किसी वजह से ये दमकल वाहन अपनी सार्थकता साबित करने में असफल रहे।
जिले में इस साल हो चुकी है तीन बड़ी घटनाएं
जिले में इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक आगजनी की तीन बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें साजा के ग्राम घोटवानी में 13 मार्च को, बेमेतरा ब्लॉक के ग्राम बैजी में 20 अप्रैल को और नवागढ़ ब्लॉक के मारो नगर पंचायत में 22 अप्रैल आग लगी थी। तीनों ही घटनाओं में फायर ब्रिगेड समय पर नहीं पहुंच पाया था, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा। रिकॉर्ड अनुसार आपातकाल में वाहन के नाम पर बेमेतरा नपा फायर ब्रिगेड की टीम पर जिले की निर्भरता अधिक है।
नियंत्रण कक्ष का किया गया गठन
जिला प्रशासन की ओर से अब आगजनी की घटना होने पर समय पर दमकल उपलब्ध कराने के लिए नियंत्रण कक्ष का गठन किया गया है, जहां पर 24 घंटे होमगार्ड तैनात रहेंगे। इसके लिए शहरी विकास अभिकरण परियोजना अधिकारी मोहेन्द्र साहू ने जिन निकायों में दमकल है, वहां पर नोटिस जारी कर 24 घंटे तैनात रहने का निर्देश जारी किया गया है। ज्ञात हो कि आगजनी की घटनाओं को देखते हुए 1 करोड़ 83 लाख कीमत के 5 दमकल वाहन जिला प्रशासन ने मारो, साजा, बेरला व खम्हरिया नगर पंचायत को उपलब्ध कराया है।
बहाना बनाकर वाहन भेजने में करते हैं आनाकानी
मारो में रविवार को हुए अग्निकांड के दौरान मारो नगर पंचायत उपाघ्यक्ष जितेन्द्र तिवारी ने जब फायर ब्रिगेड के लिए किया गया तो उन्हें बताया गया कि वाहन खराब है। इससे पूर्व बैजी में हुए हादसे के दौरान थानखम्हरिया में फोन लगाकर फायर ब्रिगेड मंगाने का प्रयास किया था, जो फोन रिसीव नहीं करने के कारण बेकार सबित हुआ। जिले में आगजनी की स्थिति में पुलिस कंट्रोल रूम से निकायों को फोन किया जाता है, लेकिन निकायों में बहाना बनाकर वाहन भेजने में आनाकानी की जाती है। बेेमेतरा इंचार्ज श्रीनिवास द्विवेदी बताते हैं कि आगजनी के दौरान बेमेतरा की टीम ही पहुंचती है। दीगर निकायों से फायर ब्रिगेड नहीं पहुंचने के पीछे वाहन के खराब होने व चालक के नहीं होने की बात कही जाती है।
50 दिन में पौने दो करोड़ के वाहन दे गए जवाब
आज से करीब 50 दिन पूर्व ही जिला प्रशासन को 3 सदस्यीय होमगार्ड टीम के साथ निकायों के लिए 30-30 लाख की लागत का एक-एक फायर ब्रिगेड सौंपा गया है। होमगार्ड के सभी सदस्यो को आग बुझाने व अन्य आवश्यक बचाव के उपायों को लेकर प्रशिक्षण दिया गया है। दूसरी तरफ वाहनों को सौंपने के दौरान निकायों को वाहन चलाने के लिए वाहन चालक रखने की जिम्मेदारी दी गई है। 5 फायर ब्रिगेड में 4 को निकायों को सौंपा जा चुका है, वहीं एक वाहन आज भी वाहन चालक के नहीं होने के कारण जिला कार्यालय में धूल खा रहा है। जानकारों की माने तो खरीदे गए फायर ब्रिगेड में अभी से खराबी आने लगी है, जिसके कारण टीम का भरोसा भी वाहनों से उठ रहा है।
कौन करेगा कार्रवाई
जिले के निकायों को उपलब्ध कराए गए दमकल वाहन के समय पर नहीं मिलने को लेकर बरती जा रही लापरवाही को लेकर कार्रवाई किसके माध्यम से की जाएगी, यह अभी तक तय नहीं की गई है। इसके कारण जिले में व्यवस्था पर कसावट आने की संभावनाओं पर पानी फिर सकता है।
कहां से आएगा फंड
जिले में तैनात फायर ब्रिगेड के लिए टीम का गठन कर दिया है, लेकिन अब तक ईंधन के लिए फंड जारी नहीं किया गया है, जिसके कारण कई दफे ईंधन नहीं होने के कारण डीजल की व्यवस्था करते-करते फायर ब्रिगेड के पहुंचने में देरी होने की बात सामने आती रहती है।
निर्देश जारी करने कहा गया है-साहू
जिला परियोजना अधिकारी डुडा मोहेन्द्र साहू ने बताया कि कलक्टर द्वारा जिन निकायों में दमकल वाहन हैं, वहां के सीएमओ को पत्र जारी कर आपदा से बचने के लिए फायर ब्रिगेड व टीम को 24 घंटे तैनात रहने का निर्देश जारी करने का आदेश दिया गया है। इस आदेश का पालन किया जा रहा है।

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