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नियमों को ताक पर रखकर जमीन की रजिस्ट्री, शुल्क बचाने पति-पत्नी का एड्रेस बता दिया अलग-अलग

locationबेमेतराPublished: Oct 13, 2018 12:09:47 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

गड़बड़ी का आलम यह है कि रजिस्ट्री शुल्क को बचाने एक साथ रह रहे पति-पत्नी के निवास के पते को अलग-अलग दिखाया गया है। इस जमीन की रजिस्ट्री में कई स्तर पर गडबड़ी की गई है।

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नियमों को ताक पर रखकर जमीन की रजिस्ट्री, शुल्क बचाने पति-पत्नी का एड्रेस बता दिया अलग-अलग

बेमेतरा. नियमों को ताक पर रखकर बेमेतरा उप पंजीयक कार्यालय में जमीन की रजिस्ट्री करने का मामला सामने आया है। इससे शासन को लाखों रुपए का चूना लगाया गया है। गड़बड़ी का आलम यह है कि रजिस्ट्री शुल्क को बचाने एक साथ रह रहे पति-पत्नी के निवास के पते को अलग-अलग दिखाया गया है। इस जमीन की रजिस्ट्री में कई स्तर पर गडबड़ी की गई है।
कम दर पर रजिस्ट्री की गई
कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार सड़क से 20 मीटर एवं 20 मीटर के बाद निर्धारित दर पर जमीन की रजिस्ट्री शुल्क ली जाती है। इसमें दोनों श्रेणी में जमीन की दरों में अंतर रहता है। मामला रायपुर मार्ग पर कृषि उपज मंडी की बाउंड्रीवॉल से लगी जमीन की रजिस्ट्री का है। यहां पंजीयन शुल्क को बचाने के लिए एक जमीन के टुकड़े को 3 भागों में बांटा गया। जिसमें एक जमीन के टुकड़े के लिए कोई मार्ग ना दिखाकर कम दर पर रजिस्ट्री की गई।
इस मामले में भूमि स्वामी चन्द्रशेखर पिता जीवन सिंह निवासी कंकाली पारा रायपुर ने रायपुर मार्ग स्थित 1215.6 वर्ग फीट जमीन को राजकुमारी पिता सुखीराम साहू वार्ड-9 सुंदर नगर बेमेतरा एवं 704 वर्ग फीट जमीन दीनाराम पिता मोतीराम साहू वार्ड-9 को बेची है। इसमें नेशनल हाइवे से 20 मीटर दूरी पर 704 वर्ग फीट एवं 20 मीटर के बाद 1215.6 वर्ग फीट जमीन की रजिस्ट्री की गई, जबकि दोनों जमीन की रजिस्ट्री सड़क से 20 मीटर की दूरी की दर के आधार पर होनी थी।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री
यहां भूमि स्वामी चन्द्रशेखर सिंह से जमीन खरीदने वाले दीनाराम व राजकुमारी पति-पत्नी हैं। दोनों वार्ड-9 सुंदर नगर में एक ही घर में रहते हैं। बावजूद शासन को चूना लगाने व रजिस्ट्री शुल्क बचाने दस्तावेजों में पति-पत्नी के निवास को अलग-अलग दिखाने के साथ महिला क्रेता के आधार कार्ड में पति के स्थान पर पिता का नाम लिखा गया है। ऐसे में यह भी जांच का विषय है कि क्या इस रजिस्ट्री के लिए फर्जी आधार कार्ड का उपयोग किया गया। ऐसी स्थिति में यह फ्रॉड का मामला बनता है।
शासन को 1.80 लाख के राजस्व की क्षति
इस रजिस्ट्री से शासन को 1.80 लाख रुपए के राजस्व की क्षति पहुंची है। 704 वर्ग फीट जमीन की रजिस्ट्री में 2556 रुपए प्रति वर्ग फीट एवं 1215 वर्ग फीट जमीन की रजिस्ट्री 493 रुपए प्रति वर्ग फीट की दर से की गई है। 20 मीटर तक व 20 मीटर के बाद जमीन की दर में दिन रात का अंतर है। इसलिए यह सारा खेल खेला गया।
इस मामले में नियमानुसार 1215.6 वर्ग फीट जमीन का स्टाम्प शुल्क 1 लाख 95 हजार रुपए एवं पंजीयन शुल्क 26 हजार 960 रुपए होता है, लेकिन यहां स्टाम्प व पंजीयन शुल्क 40 हजार रुपए में लिया गया है। इस तरह शासन को लगभग 1 लाख 80 हजार रुपए से अधिक का नुकसान पहुंचा है।
सहमति से नाम काटा
शासकीय नियम के अनुसार पटवारी सहमति पत्र के आधार पर नाम नहीं काटा जा सकता। नए नियम के अनुसार हक त्याग के माध्यम से रजिस्टर्ड दस्तावेज से ही नाम काटा जा सकता है। इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होता है, लेकिन यहां जमीन की रजिस्ट्री के दौरान संयुक्त स्वामित्व की भूमि में से सहमति पत्र के आधार पर संजीव सिंह व मयंक सिंह के नाम को काटा गया है। उप पंजीयक बेमेतरा संजय दीवान ने बताया कि पटवारी प्रतिवेदन के आधार पर रजिस्ट्री की गई है। इसलिए रजिस्ट्री में कोई गड़बड़ी नहीं है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री कराने पर कार्रवाई के लिए प्रकरण जिला पंजीयक को भेजा जाएगा।
मेरी ओर से नकल सही नकल दी गई
जमीन खरीदार दीनाराम साहू ने बताया कि इस मामले में कोई जानकारी नहीं हैं। पटवारी व उप पंजीयक से जवाब लें कि उन्होंने रजिस्ट्री कैसे की। हल्का पटवारी कोमल चंद्राकर ने बताया कि रजिस्ट्री स्थल निरीक्षण के बाद की जाती है, इसलिए इस संबंध में उपपंजीयक कार्यालय से जानकारी लें। मेरी ओर से सही नकल दी गई है।
सीधी बात, कुमार भूआर्य, जिला पंजीयक बेमेतरा
Q रायपुर, कवर्धा, दुर्ग मार्ग समेत पॉश इलाके की जमीन की खरीदी-बिक्री में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जा रही हैं।
A अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। लिखित श्किायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
Q ऐसा एक मामला रायपुर मार्ग में सामने आया है, जिसमें एनएच से लगी जमीन को 2 भागों में बांटकर जमीन की रजिस्ट्री कर शासन को लाखों का चूना लगाया गया।
A यह मामला संज्ञान में नही है। आपके माध्यम से जानकरी मिल रही है।
Q यह गंभीर मामला है, इस पर क्या कार्रवाई करेंगे?
A मामले से संबंधित सभी दस्तावेज मंगाकर जांच की जाएगी। गड़बडी पाए जाने पर संबंधित क्रेता से नियमानुसार रजिस्ट्री शुल्क लिया जाएगा।

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