संबलपुर में नवनिर्मित 10 बिस्तर जच्चा-बच्चा अस्पताल लोकार्पण से पहले हो गया बदहाल
बेमेतरा/नवागढ़ . नवागढ़ ब्लॉक के ग्राम संबलपुर में नवनिर्मित जच्चा-बच्चा अस्पताल को देखकर महिलाओं सहित ग्रामीणों को पीड़ा हो रही है। स्थानीय लोगों की मांग व क्षेत्रीय स्थिति को देखते हुए राज्य शासन ने यहां जच्चा-बच्चा अस्पताल (प्रसव कक्ष) बनाने के लिए लाखों रुपए स्वीकृत किए थे। इसके लिए ग्रामीण यांत्रिकी विभाग को एजेंसी बनाया गया था। इस विभाग की निगरानी में भवन बनकर तैयार हो गया है। लोकार्पण की औपचारिकता अभी बाकी है। लेकिन यह भवन केवल सामने से देखने पर ही अच्छा लग रहा है लेकिन अंदर जाने पर यह किसी खंडहर से कम नहीं लगता है।
मंत्री व कलक्टर भी नहीं ले रहे सुधबताना होगा कि एक जून को इस गांव में विकासयात्रा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ.
रमन सिंह सभा को संबोधित करेंगे। इसके लिए यहां व्यवस्था कैसी रहेगी मंत्री डीडी बघेल व कलक्टर महादेव कावरे देख चुके हैं, लेकिन जनसरोकार से जुड़े इस नवनिर्मित अस्पताल की बदहाली पर इन लोगों की नजर नहीं पड़ी। कहने को तो यह
प्रसव ? कक्ष है पर यहां शौचालय की सीट सबकुछ बयां कर रहे हैं। नल का पता नहीं न जल का पता है। मामूली बारिश में छत टपकने लगता है। टीन शेड भी उखड़ गया है, फ्लोर क्षतिग्रस्त हो गया है। खिड़की उड़ न जाए इसलिए उसे रस्सी से बांधकर रखा गया है।
नए सिरे से काम व मरम्मत कराने की है जरूरतसंबलपुर अस्पताल के सहायक चिकित्सा अधिकारी डॉ. कमलेश जांगड़े ने बताया कि प्रसूताओं के लिहाज से नवनिर्मित भवन ठीक नहीं है। कम से कम तीन दिन जच्चा-बच्चा को अपनी निगरानी में रखना पड़ता है। भवन की समस्या को देखते हुए एक पत्र विभाग व कलक्टर को लिखा गया है। भवन में नए सिरे से
कार्य व मरम्मत कराने की जरूरत है। जीवनदीप समिति के सदस्य विजय पांडे व सुभाष सोनी ने कहा कि 10 बिस्तर अस्पताल के लिए बने भवन की गुणवत्ता ठीक नहीं है। यदि भवन ठीक किया जाए तो यहां आने वाले लोगों को सुविधा मिलेगी।
वर्तमान स्थिति की जानकारी नहीं हैआरईएस के नवागढ़ एसडीओ प्रदीप तिवारी ने बताया कि संबलपुर में नवनिर्मित 10 बिस्तर जच्चा-बच्चा वार्ड का निर्माण पूरा हो चुका है। केवल लोकार्पण होना बाकी है। फिलहाल इसकी वर्तमान स्थिति के संबंध में जानकारी नहीं है। निर्माण की लागत के संबंध में कार्यालय में रिकॉर्ड देखकर ही बता पाऊंगा।