बच्ची के पिता राजू चंद्राकर ने बताया कि उसकी बेटी रविवार सुबह दिशा मैदान गई थी। जहां वह रास्ता भटककर गांव से करीब 12 किमी दूर कवर्धा जिले के नवागांव नाला पहुॅच गई। रास्ते में नवागांव के दो युवकों ने बच्ची को बदहवास हालत में देखा। काफी पूछताछ करने के बावजूद बच्ची जवाब नही दे रही थी और बाइक में बैठने से भी इनकार कर दिया। इसके बाद बच्ची पैदल चलकर नवागांव पहुंची। जहां कवर्धा जनपद पंचायत के सभापति रामकुमार सिन्हा ने बच्ची को खाना खिलाया। काफी पूछताछ के बाद बच्ची ने ग्रामीणो को अपना नाम लिखकर बताया।
ग्रामीणो की सूझबूझ से 12 घंटे के भीतर परिजन को बच्ची का पता लग गया। सूचना मिलने पर बच्ची के पिता व अन्य रिश्तेदार रविवार रात में कवर्धा पहुंचे। बच्ची को सही सलामत उसके माता-पिता तक पहुंचाने के लिए रामकुमार सिन्हा ने चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 में कॉल कर मामले की जानकारी दी। इसके बाद बच्ची को रात में सखी सेंटर में रुकवाया गया। सोमवार दोपहर में बच्ची को कवर्धा चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष पेश किया गया। यहां से इस प्रकरण को आगे की कार्रवाई के लिए बेमेतरा वेलफेयर कमेटी को भेज दिया गया है। कवर्धा सखी सेंटर में बच्ची की काउंसलिंग की गई। जहां मन से डर को निकालने का प्रयास किया गया।