scriptऐसा क्या हुआ कि संविलियन शिविर से निराश होकर लौट गए शिक्षाकर्मी, सिर्फ 120 का हुआ पंजीयन | On the first day amalgamation only 120 education workers. | Patrika News

ऐसा क्या हुआ कि संविलियन शिविर से निराश होकर लौट गए शिक्षाकर्मी, सिर्फ 120 का हुआ पंजीयन

locationबेमेतराPublished: Jul 15, 2018 12:54:47 am

नेट कनेक्टिविटी की समस्या से जूझना पड़ा, शिविर की अवधि बढ़ाने की दरकार

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पहले दिन मात्र 120 शिक्षाकर्मियों का ही हुआ संविलियन

बेमेतरा. शासकीय कन्या स्कूल में संविलियन के लिए शिविर लगाया गया। इसमें अव्यवस्था दिखाई दी। नेट कनेक्टिविटी की ज्यादा समस्या थी। प्रक्रिया पूरी करने के लिए 6 काउंटर बनाए गए थे। शाम 7 बजे तक चले शिविर में 350 में से 119 शिक्षाकर्मियों की आधे से अधिक प्रक्रिया पूरी की गई। अब शिविर की अवधि बढ़ाने की मांग की गई है।
पहले दिन 350 शिक्षाकर्मियों के संविलियन का था लक्ष्य
आज प्रदेश सहित जिले के सभी तहसीलों में संविलियन कराने शिविर लगाया गया था। एक जुलाई को 8 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया जा रहा है। चरणबद्ध ढंग से काम किया जा रहा है। एम्पलाई आईडी बनाने, अंतिम वेतन आहरण व प्रान नंबर जारी करने के बाद ई पेरोल का निर्माण करने 11 जुलाई तक का समय था। शासकीय कन्या स्कूल में लगे दो दिवसीय शिविर में पहले दिन 350 एवं दूसरे दिन 500 शिक्षाकर्मियों का संविलियन की प्रक्रिया पूरी करनी है। आज बनाए गए सभी काउंटर पर शतप्रतिशत काम नहीं हो पाया। 35 फीसदी शिक्षकों को ही कर्मचारी कोड जारी किया जा सका। वही प्रथम दिन एक भी शिक्षक का ई पेरोल एंट्री नहीं किया जा सका है।
स्कूल परिसर में कीचड़ से हुई परेशानी
कक्ष नबर 4 में ई कोष में कार्य किया जा रहा था, जिसमें सबसे ज्यादा दिक्कत सामने आई। नेट कनेक्टिविटी गड़बड़ होने के कारण काम प्रभावित हुआ। इससे स्टाफ व शिक्षकों दोनों को परेशानी हुई। स्कूल के बदहाल कमरों में शिविर लगाया गया। इसके कारण शिक्षाकर्मियों को अव्यवस्था का सामना करना पड़ा है। स्कूल परिसर में आने के बाद कीचड़ पार कर कमरों तक जाना पड़ा है जबकि स्कूल के शुुरुआत में कमरों की मरम्मत की गई है। कलक्टर महादेव कावरे कन्या स्कूल में लगे शिविर का अवलोकन करने शाम 4 बजे पहुंचे। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारी से संविलियन की स्थिति का जायजा लिया। साथ ही जरूरी निर्देश दिए।
महत्वपूर्ण है शिविर गंभीरता से हो प्रकिया
जानकारों की माने तो शिविर का कार्य महत्वपूर्ण एवं वृहद है, जिसमें सभी विभागों में समन्व्य जरूरी है। प्रथम दिन तालमेल की कमी के कारण शिविर असफल रहा है। कमजोर कार्य को देखते हुए शिविर की समय अवधि बढ़ाने की जरूरत है।
आधे से अधिक शिक्षाकर्मियों की संविलियन प्रक्रिया पूरी
बीईओ अरुण कुमार खरे ने बताया कि आधे से अधिक शिक्षाकर्मियों का संविलियन प्रक्रिया के लगभग पूरी हो चुकी है। वही सभी ने फॉर्म जमा किया है। वहीं शालेय शिक्षाकर्मी संघ के जिलाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कहा कि शिविर में अव्यवस्था की स्थिति रही। शासन के स्पष्ट निर्देश स्थानीय स्तर पर संघ को कोई जानकारी नहीं दी गई।
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