शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नांदघाट में पदस्थ रहते समय व्याख्याता भुनेश्वर प्रसाद धिरी की शिकायत की गई थी। पीडि़त महिला कर्मियों ने यह शिकायत सामूहिक तौर पर लिखित रूप से नांदघाट थाने में 18 सितंबर 2017 को थी। जिसके आधार पर छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया था। अभियोग पत्र न्यायिक मजिस्ट्रेट बेमेतरा के समक्ष पेश किया गया। जहां आरोपी को दोषमुक्त कर दिया गया था। पीडि़त महिलाओं ने इसकी शिकायत सत्र न्यायालय में की। जिस पर अपीलीय न्यायालय के पीठासीन अधिकारी आनंद कुमार सिंघल ने गुरुवार को फैसला सुनाया। उन्होंने निचली अदालत के फैसले को पलट दिया।
लोक अभियोजक दिनेश तिवारी ने बताया कि कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ निवारण प्रतिशेध एवं प्रतितोषण अधिनियम 2013 के तहत महिलाओं को कार्यस्थल पर नियम के प्रावधानों के अनुसार नियोक्ताओं ने महिलाओं के लैंगिक उत्पीडऩ के संरक्षण के लिए परिवाद समिति का गठन किया जाना है। स्कूल, कॉलेज एवं संस्थानों में सूचना प्रदर्शित की जानी है। जिससे महिलाएं निर्भीक होकर कार्य सकें।