जानकारी के मुताबिक ग्राम पुटपुरा सब स्टेशन में ऑपरेटर का काम करने वाले युवक सुखसागर श्रीवास पिता बिशेसर श्रीवास को आज तड़के 3.30 बजे अपने क्वार्टर में उल्टी होने लगी। उसकी बिगड़ती हालत को देखते हुए साथ में रहने वाले युवक जासूस सिंह ने 3.48 बजे संजीवनी वाहन को बुलाया, लेकिन वाहन भी नहीं पहुंचा। इसके बाद उसे दोबारा बुलाया गया। तब संजीवनी वाहन 4.30 बजे पुुटपुरा सब स्टेशन पहुंचा और युवक को लेकर नवागढ़ अस्पताल रवाना हुआ। यहां डॉक्टर नहीं मिले। डॉक्टर की गैरहाजिरी पर स्टाफ ने ड्रिप चढ़ा दिया। पुटपुरा सब स्टेशन में रिलीवर आने के बाद युवक का साथी जासूस सिंह नवागढ़ अस्पताल पहुंचा। उसे स्टाफ ने बताया कि अभी तक डॉक्टर नहीं आए हैं। फिलहाल बोतल लगा दी गई है। तब तक अन्य साथी बीरेंद्र भी अस्पताल पहुंच गया।
जासूस सिंह ने आरोप लगाया कि नवागढ़ अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने से सुखसागर की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि नवागढ़ अस्पताल में मित्र को भर्ती करने के बाद हम उपचार के लिए डॉक्टर का इंतजार करते रहे, लेकिन वे नहीं आए। समय पर इलाज नहीं होने पर सुखसागर ने हलचल करना बंद कर दिया। तब उसे जिला अस्पताल रवाना कर दिया गया। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। जिला अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कर परिजन को सौंप दिया गया।
युवक मूलत: पामगढ़ चंढीपारा का निवासी था, जो सब स्टेशन पुटपुरा में ऑपरेटर का काम करता था। घटना की सूचना मिलने पर उसके पिता बिशेसर श्रीवास परिवार के साथ मौके पर पहुंचे। मॉरच्यूरी में शव को देखते ही बिलख-बिलख कर रो पड़े। युवक की मौत होने के कारण उसकी मां को उससे दूर रखा गया था। सिटी कोतवाली में शून्य में प्रकरण दर्ज किया गया। पुलिस ने जागूराम यादव पिता हेमंत कुमार यादव (31) की सूचना पर रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
नवागढ़ अस्पताल के बीएमओ डॉ. लीलाधर ठाकुर ने कहा कि मरीज को उल्टी एवं पेट दर्द के उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। दोनों की दवा दी गई थी। इसके बाद स्थिति में सुधार नहीं होने पर मरीज को बेमेतरा रेफर कर दिया गया, जिसके बाद रास्ते में मौत हुई होगी। मरीज का मैंने उपचार किया है। मरीज को सुबह 6.30 बजे रेफर किया गया था। कलक्टर सुबह 8 बजे अस्पताल आए थे।