बिजली विभाग द्वारा बिजली चोरी के आरोपी मुर्गी फार्म संचालक को २१ दिसंबर को ही एक लाख 4 हजार रुपए लेने के बाद ३५ एचपी का अस्थायी कनेक्शन दे दिया गया। वहीं विभागीय अधिकारी ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत स्थाई कनेक्शन के लिए पोल व ट्रांसफॉर्मर भी लगा दिया है। जबकि कई किसान अस्थाई व स्थाई कनेक्शन के लिए कई महीने तक कार्यालय के ही चक्कर काटते रहते हैं, लेकिन उन्हें कनेक्शन नहीं मिल पाता है।
बेरला बिजली विभाग ने पोल्ट्री फॉर्म को स्थायी विद्युत कनेक्शन देने के लिए किसानों की बिना अनुमति लिए ही उनकी खेतों में पोल गड़ा दिया है, जिस पर किसानों ने आपत्ति की है। प्रभावित किसान वीरेन्द्र सिन्हा और संजीव अग्रवाल ने इस मामले की शिकायत विद्युत विभाग के एई रंजीत महिलांगे से की है। स्थायी विद्युत कनेक्शन के लिए पोल्ट्री फॉर्म में ट्रांसफॉर्मर भी लगाया जा चुका है। जबकि जरुरतमंद किसानों को ट्रांसफॉर्मर देने में विद्युत विभाग काफी समय लगाता है।
बिजली विभाग के अधिकारियों ने मुर्गी फार्म संचालक को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से आनन-फानन में खेतों में बिजली खंभे गाड़ दिए और ट्रांसफार्मर भी लगा दिया। पंचायत की एनओसी को भी जरुरी नहीं समझा। पोल्ट्री फॉर्म संचालक ने किसी भी प्रकार से पंचायत से एनओसी नहीं ली है। बिना प्रस्ताव के आईपी कनेक्शन देना समझ से परे है। किसी भी उद्योग के लिए पंचायत की एनओसी जरूरी होती है। लगता है सारे नियम कानून ताक पर रख दिए गए हैं। ग्राम पंचायत रामपुर के सरपंच राजेश यादव ने बताया कि यह जमीन रामपुर खार में है। मुर्गी फार्म संचालक को स्थायी विद्युत कनेक्शन लगाने के लिए पंचायत ने अभी किसी भी तरह की एनओसी उन्हें नहीं दी है।
बेमेतरा विधायक आशीष छाबड़ा का कहना है कि मामले में दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार बदल गई है, अब अफसरशाही नहीं चलेगी। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रामेश्वर देवांगन का कहना है कि छोटे कनेक्शन के लिए किसान परेशान होते हैं। मामले में दोषी अधिकारी पर एफआइआर होनी चाहिए। इस संबंध में विद्युत विभाग बेरला के एई रंजीत कुमार महिलांगे ने बताया कि किसानों की आपत्ति आई है। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।