इस दौरान संपर्क में आने पर हमला करने का खतरा बना रहता है। कहीं पर सर्प दिखे तो उसे परेशान न करे। पकड़ने वालो को सूचना दे या फिर जाने दे । छेड़छाड़ की स्थिति में काटने का खतरा रहता है। डॉ. योगेश दुबे कहते है कि सर्प काटने के बाद झाड़ ***** के बजाये मरीज को सीधे समीप के अस्पताल लाये जहां पर उचित उपचार कराये । जिले में सात दिनो के दौरान नवागढ, बेरला, थानखम्हरिया, बेमेतरा, खंडसरा क्षेत्र में सर्पदंश के मामले सामने आये हैं।
जिले में बीते साल 23 मौते हुई थी
प्राप्त आंकडो के अनुसार जिले में गत वर्ष विभिन्न थाना क्षेत्र में अकाल मौत होने के 513 प्रकरण थे। जिसमे से 23 मौत सर्प व बिच्छु काटने से हुआ था। इस वर्ष के दैारान अब तक 280 मौत हुई है। जिसमे तीन मौत सर्पदंश व बिच्छू काटने से हुई है ,जिसमे दो मौते लगातार दो दिन के दौरान हुई है।
जिले में दोनों वैक्सीन के पर्याप्त स्टाक है। अगर कहीं पर कमी होने की बात सामने आए तो सूचित करें। उपलब्ध कराया जाएगा।
डॉ. खेमराज सोनवानी, जिला स्वास्य एवं चिकित्सा अधिकारी