script1580 जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देने के नाम पर हजम कर लिए साढ़े पांच लाख रुपए | Rs 550 lakhs Fictitious in the name of training in 1580 Representative | Patrika News

1580 जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देने के नाम पर हजम कर लिए साढ़े पांच लाख रुपए

locationबेमेतराPublished: Jan 24, 2018 11:51:54 pm

जिला पंचायत संसाधन केंद्र में भर्राशाही की हदें पार, प्रशिक्षण में नजर नहीं आ रहे सरपंच खाली पड़ी कुर्सियां

Chhattisgarh Breaking news - Training of Panch Sarpanch
बेमेतरा. जिले के जनपद पंचायतों व ग्राम पंचायतों में चुनकर आए सरपंचों और पंचों को प्रशिक्षण देने के नाम पर जिला पंचायत संसाधन केंद्र में गड़बड़झाला चल रहा है। कहने को केंद्र में वर्तमान में 40 जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जबकि मौके पर एक भी जनप्रतिनिधि नजर नहीं आया। यहां तक कि ‘पत्रिकाÓ टीम को देखकर जिम्मेदार अधिकारी भी मौके से रफूचक्कर हो गया। जिला पंचायत के संसाधन केन्द्र का संचालन बीते वर्ष के मई महीने से किया जा रहा है, जहां पर अब तक 36 प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिए लगभग 1580 जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिए जाने का दावा किया जा रहा है। केंद्र में पूरी तरह से आवासीय प्रशिक्षण दिया जाना बताया जाता है, लेकिन केंद्र के 27 कमरों में से एक भी कमरे में पलंग पर बिस्तर तक नजर नहीं आता। केंद्र में रहने के लिए दीगर सुविधाएं भी नहीं है, ऐसे में आवासीय प्रशिक्षण दिए जाने की बात बेमानी नजर आती है।
केन्द्र में सुविधाओं की कमी
जानकारी के अनुसार, केन्द्र में एक प्रशिक्षार्थी के लिए 350 रुपए का फंड शासन द्वारा जारी किया जाता है। जिसे दोनों समय का रसद, चाय, नाश्ता सहित अन्य पर खर्च किया जाना है। केन्द्र में कागजों पर बीते 22 जनवरी से 25 जनवरी तक प्रशिक्षण दिया जाना दर्शाया गया, जिसकी सूचना पर पहुंची पत्रिका की टीम को कक्ष में न तो प्रशिक्षण देने वाले नजर आए, न ही प्रशिक्षण पाने वाले। और तो और कक्ष पूरी तरह खाली पड़ा था।
जिपं सदस्य को भी नहीं दिखाए दस्तावेज
मौके पर मौजूद स्टाफ ने प्रशिक्षण स्थगित किए जाने की जानकारी दी, लेकिन केंद्र में कहीं भी प्रशिक्षण स्थगित किए जाने की सूचना चस्पा नहीं की गई थी। और न ही स्थगित किए जाने की सूचना रजिस्टर पर दर्ज की गई थी। सूचना पर पहुंचे जिला पंचायत सदस्य अजय तिवारी ने प्रशिक्षण को लेकर जानकारी उपलब्ध कराने व स्थगित किए जाने की जानकारी मांगी, लेकिन उन्हे भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया।
लंबे अर्से से चल रही है गड़बड़ी
जानकार सूत्रों के अनुसार, जिले के संसाधन केन्द्र में अर्से से प्रशिक्षण के नाम पर गड़बड़ी की जा रही है, जिसमें कई तरह की आर्थिक गड़बड़ी भी शामिल है। जिला पंचायत सदस्य अजय तिवारी ने आरोप लगाया कि मिलीभगत कर अधिकारी सरकारी फंड का जमकर दुरुपयोग कर रहे हैं। केन्द्र में प्रशिक्षण देने के नाम पर गोलमाल किया जा रहा है, जिसे उन्होंने ने भी देखा है। प्रशिक्षण दिए जाने के नाम पर हो रहे घोटाले की जांच की जानी चाहिए। जिला पंचायत अध्यक्ष कविता साहू ने भी दो माह पूर्व केंद्र के दौरे के दौरान अनियमितता पाई थी, जिसे आज तक दुरुस्त नहीं किया गया है।
जवाबदेही से बच रहे प्रभारी
बताना होगा की केन्द्र में प्रशिक्षण के नाम पर अब तक 7 लाख रुपए खर्च किया जा चुका है, लेकिन प्रशिक्षण का सही लाभ किसे मिला, यह जांच का विषय है। ‘पत्रिकाÓ टीम के पहुंचते ही लेखापाल शेखर नंद मौके से नदारद हो गए। वहीं इसके जिम्मेदार जिला पंचायत उपसंचालक देवेन्द्र कौशिक से जानकारी मांगने पर उन्होंने साफ कह दिया कि इस बारे में अभी कुछ नहीं बता पाउंगा, बाद में ही जानकारी दे पाउंगा।
रजिस्टर में दो दर्ज, वे भी नदारद
लेखापाल शेखर सौदागर नंद ने बताया कि बुधवार को 5 प्रशिक्षु आए थे, लेकिन मंगलवार को 8 से 9 प्रशिक्षु आए थे, लेकिन रजिस्टर में बुधवार को केवल दो प्रशिक्षुओं योगेश साहू व प्रहलाद का नाम दर्ज था। इससे पूर्व मंगलवार को 18 प्रशिक्षुओ का नाम दर्ज था, वहीं एक का नाम दर्ज किया गया, पर आगे हस्ताक्षर के लिए स्थान खाली छोड़ दिया गया है। ज्यादातर नामों को एक ही पेन से एक ही तरीके से लिखा गया था, और एक ही तरीके हस्ताक्षर किया गया था, जो संदेहजनक है।
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