गैंदलाल देवांगन की तीन बेटियां वेदिका (7 वर्ष), काजल (5 वर्ष) और राशि (3 वर्ष) है। जिन्हे मौत के मायने नहीं मालूम। शव घर पहुंचने पर तीनों बेटिया मां ललेश्वरी, दादा, दादी, और बड़े पापा को रोते बिलखते देख रही थी। बेटियां सभी से पूछ रही थी कि पापा को क्या हुआ है। क्यों सफेद कपड़ा ढंककर सुलाया गया है। मासूमों को यह मालूम नहीं था कि उनके पिता इस दुनिया से विदा हो चुके है।
मृतक की तीन बेटियां होने पर वह कहता था कि आज के जमाने में बेटियां भी किसी से कम नहीं है। उन्होंने अपना संस्कार बेटियां के हाथों ही करने की बात कही थी, लेकिन यह वक्त इतनी जल्दी आ जाएगा किसी को पता नहीं था। मृतक की इच्छा के अनुसार मृतक की बड़ी बेटी ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। गैंदलाल के इच्छानुसार बेटी वेदिका ने अपने पिता की अंतिम इच्छा पूरी करते हुए मुखाग्नि दी। अंतिम यात्रा में भाजपा नेता नरेश यदु, नगर पंचायत अध्यक्ष हरीश चंद्राकर, विश्वास गुप्ता, गिरधर देवांगन, चंद्रहास देवांगन, ईश्वर देवांगन, लीलेश्वर ठाकुर सहित बड़ी संख्या में सामाजिक, और व्यापारिक क्षेत्र से जुड़े लोग मौजूद थे।