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करोड़ों खर्च हो गए फिरभी नहीं मिली खारे पानी से मुक्ति, पढ़ें खबर

locationबेमेतराPublished: Apr 22, 2018 12:40:09 am

खारे पानी से निजात दिलाने शिवनाथ नदी से पानी आपूर्ति के लिए नगरीय आवर्धन योजना के तहत स्वीकृत 1655 लाख भी कम पड़ गया है।

Drinking Water Scheme in Bemetara, Bemetara Breaking news
बेमेतरा. बेमेतरा नगरवासियों को खारे पानी से निजात दिलाते हुए शिवनाथ नदी से पानी आपूर्ति के लिए नगरीय आवर्धन योजना के तहत स्वीकृत 1655 लाख रुपए भी कम पड़ गया है। जिला मुख्यालय के कई वार्डों में पाइप लाइन विस्तार के लिए कम पड़ रहे फंड को देखते हुए शासन से पांच करोड़ रुपए अतिरिक्त राशि की मांग की गई है। वहीं पाइप लाइन का काम पूरा नहीं हो पाने के कारण आज भी खारे पानी से प्रभावित वार्ड के लोग खरीदकर पानी पीने को मजबूर हैं।
दो साल पहले पूरा हो जाना था योजना का काम
पीएचई विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, योजना के तहत बेमेतरा पालिका क्षेत्र में निवासरत लोगों को शिवनाथ नदी से शुद्ध पेयजल प्रदान करना था। लेकिन पांच साल की अवधि में अब तक शहर के 60 फीसदी आबादी को ही योजना का लाभ मिल पर रहा है। लोगों तक पानी पहुंचाने में अब तक विभाग योजना के तहत 16 करोड़ 55 लाख रुपए खर्च कर इंटेकवेल, रॉ-वाटर पंप, 3.7 एमएलडी क्षमता का जल शुद्धिकरण संयंत्र, क्लीयर वाटर पंप, रॉ-वाटर पंपिंग मेन 300 मिमी, आरसीसी उच्चस्तरीय जलागार, जल वितरण प्रणाली को बनाया गया है। योजना के तहत बेमेतरा जल आवर्धन योजना को दो वर्ष के अंतराल याने वर्ष 2016 में ही पूर्ण किया जाना था, लेकिन विभाग द्वारा हर वर्ष गर्मी के पूर्व योजना को पूर्ण किए जाने का दावा करने के बाद भी आज भी शहरवासी मीठे पानी को तरस रहे हैं।
पानी की समस्या का कागजों पर निराकरण
शहर में जल आवर्धन योजना से सिंघौरी वार्ड को दूर रखा गया है, इसके अलावा दुर्ग रोड, कोबिया, ब्राह्मण पारा, कचहरी पारा समेत पालिका के कई वार्डों तक मीठा पानी नहीं पहुंच पाया है। पार्षद सुमन गोस्वामी ने बताया कि योजना के क्रियान्वयन को लेकर शिकायत या फिर पानी को लेकर मांग किए जाने की स्थिति में अधिकारी कागजों में ही निराकरण कर देते हैं, जबकि लोगों तक मीठा पानी नहीं पहुंच रहा है। हालत ये है कि शहर में रहने वालो को पेयजल के लिए बीहड़ इलाके की तरह भटकना पड़ रहा है।
कलक्टोरेट के कर्मचारी परेशान
शहर में खारे पानी के कारण लोगों को स्वास्थ्यगत दिक्कत होने लगी है। शहर में पेट खराब होने, बाल झडऩे की सबसे ज्यादा शिकायत है, इसके अलावा अन्य बीमारी भी लोगों को घेर रही है। वहीं घरों में दाल नहीं गलने व चाय नहीं बनने की शिकायत आ रही है। ऐसी स्थिति में लोगों को 30 से 40 रुपए में आने वाले 15 लीटर के आरओ वाटर जार को खरीदना पड़ रहा है। नगर में शासकीय कार्यालय में सबसे अधिक खराब स्थिति कलक्टरोट की है, जहां कार्यरत कर्मचारी खारा पानी पीकर बीमार पड़ रहे हैं। इस संबंध में कर्मचारियों की मांग के बाद भी जल आवर्धन योजना से कार्यालय को दूर रखा गया है।
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