जानकारी हो कि जिले में पंजीकृत सभी किसानों को धान बेचने के लिए तारीखवार टोकन जारी किया गया था। जिसके बाद निर्धारित 20 फरवरी तक जिले के लगभग 90 फीसदी किसान धान बेच चुके थे। जिसके बाद शेष बचे 8423 किसान अपना धान नहीं बचे पाए हंैं। जबकि प्रभािवत किसानों के दीगर किसानों की तरह बाकायदा टोकन जारी किया गया था, जिसके बाद किसान जब अपना उपज लेकर पहुंचे थे, तब केंद्रों में बारदानों की कमी की वजह को सामने रखते हुए किसानों को पहले केन्द्र में धान लेकर आने से रोका गया था, जिसके विरेाध मुखर होने पर जिम्मेदारों ने धान को समितियों में रखने के लिए अनुमति दी। लेकिन बारदाना नहीं होने से धान का तौल नहीं हो सका।
जिले के जिन केन्द्रों मे ंधान खरीदा जाना है, वहां पर 20 फरवरी से आनलाइन इंर्टीबाद हैपोर्टल खेालने व दर्ज करने के लिए अभी तक आप्शन नहीं आया है और ना ही लाक खुला है। जिसकी वजह से केन्द्रों में कामकाज बंद है। दूसरी ओर शासन स्तर पर टोकन प्राप्त करने वाले सभी किसानों का धान लेने की घोषणा की गई है। लेकिन धरातल पर अमल नहीं हो रहा है। फलस्वरूप किसान समितियों में धान की रखवाली के लिए रतजगा कर रहे हैं।
20 तारीख के बाद से किसानों के लिए परिस्थितियां भी विपरीत रही है। अलग -अलग दिनों में कई बार बारिश हो चुकी है। जिससे समितियों में रखे धान में अंकुरण नजर आने लगा है। शुक्रवार शाम को 5 बजे के बाद जिला मुख्यालय व आसपास के क्षेत्रों में बारिश हुई। जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।
29 उपार्जन केन्द्रों (कुवंरा, सम्बलपुर, नांदघाट, टेमरी, पुटपुरा, हटहाडाण्डू, मारो, रनबोड़, झाल-एन, बदनारा, छिरहा, डूण्डा, कुरदा, खण्डसरा, झाल-बी, मोहतरा, लोलेसरा, चंदनू, मोहभट्ठा, देवरबीजा, कन्हेरा, भिम्भौरी, दाढ़ी, उमरिया, देवकर, गाड़ाडीह, मुरता, रनबोड़, खुड़मुड़ा) में 8427 कृषकों को जारी किए गए टोकन में (कुल 343000 क्विंटल) में धान खरीदी के लिए बारदाने की आपूर्ति निर्धारित अवधि तक नहीं होने से धान खरीदी नहीं हुई। जिले के 91 उपार्जन केन्द्रों में से 62 उपार्जन केन्द्रों में धान की खरीदी पूर्ण हो गई है। इसके बाद शेष 29 उपार्जन केन्द्रों में अब आने वाले दिनों में किसानों का पूर्ण धान लेने के लिए कदम बढ़ाया जाता है तो जिले के कई केन्द्रों में रखे धान के लिए 13 से15 दिनों की जरूरत होगी। रबी की फसल नष्ट हो चुकी है। वहीं धान की खरीदी नहीं होने से किसानों के जीवन यापन की समस्या हो गई है।
बेमेतरा जिला नोडल अधिकारी आरके वारे ने बताया कि अभी भी आदेश नहीं आया है, ना ही आनलाइन डाटा ओपन हो रहा है। ऐसे में धान नहीं लिया जा रहा है। अपडेट आने के बाद ही धान लिया जाएगा।