समाजसेवियों ने उठाया पिछड़े वनवासियों का तन ढंकने का बीड़ा
बेमेतराPublished: Jul 03, 2018 12:18:57 am
कबीरधाम जिले के ग्राम तेलियापानी के वनवासियों को वस्त्र दान करने के लिए की पहल
समाजसेवियों ने उठाया पिछड़े वनवासियों का तन ढंकने का बीड़ा
बेमेतरा. शहर के समाजसेवियों ने जिला मुख्यालय से 120 किमी दूर कबीरधाम जिले के वनांचल में स्थित ग्राम तेलियापानी के पिछड़ेपन व वनवासियों की जरूरत को देखते हुए वस्त्रदान करने का निर्णय लिया है। जनसहयोग से किए जाने वाले इस कार्य के लिए शहर में छह काउंटर खोले गए हैं।
केवल वन के भरोसे जी रहे जिंदगी
तेलियापानी का दौरा कर चुकी शहर के वस्त्रदान समिति के सदस्यों ने बताया कि मुख्यधारा से कटे गांव की जनसंख्या लगभग 380 है। आज भी गांव दूसरे अन्य सामान्य गांवों की अपेक्षा कम से कम 30 वर्ष पीछे है। गांव में जीवनोपयोगी व मूलभूत सुविधाएं तक नहीं हैं। ग्रामीणों के जीवन यादव का आधार ही नहीं है। स्थिति का अदंाजा इसी बात से लगाया जा सकजा है कि वे जीपन यापन के लिए केवल वन पर निर्भर हैं।
नवंबर महीने तक करेंगे एकत्रित
आज भी वनवासी लगभग अर्धनग्नावस्था या न्यूयनतम कपड़ों में ही रहते हैं, जिसे देखते हुए समिति ने जमा कर कपड़ों तथा जूतों को वितरित किए जाने का निर्णय लिया है। इस प्रयास में गांव के प्रत्येक वनवासी को कम से कम दो जोड़े कपड़े देने का लक्ष्य तय किया गया है। कपड़ों को नवंबर 2018 तक जमा करने के बाद गांव ले जाकर वितरित किया जाएगा।
आपके अनुपयोगी कपड़े आएंगे काम
वनवासी ग्रामीणों को बांटने के लिए आपके अनुपयोगी कपड़े काम आ सकते हैं, जिसमें होली के रंग लगे कपड़े (बच्चों, किशोरों, किशोरियों, महिलाओं और बुजुर्गों के कपड़ों), पुराने चादर, पर्दा के अलावा ग्रामीणों के लिए उपयोगी टूटे-फूटे बर्तन, खिलौने भी दिए जा सकते हैं।
मदद के लिए समाज को आना होगा आगे
संस्था के डॉ. अविनाश तिवारी, डॉ. आशीष ठाकुर ने बताया कि पहल शुरू कर शैलेंद्र भाथरे (बिरजू) व धरम तिवारी को दायित्व सौंपा गया है। दिनेश साहू, प्रतुल वैष्णव, संजय शर्मा व सुबोध तिवारी ने बताया कि गांव की स्थिति ठीक नहीं है, ऐसे में ग्रामीणों का सहयोग करने समाज को सामने आना होगा।