scriptप्लास्टिक नुमा चावल की सप्लाई से हड़कंप, जांच के लिए पहुंची खाद्य विभाग की टीम | supply plastic rice, team of Food Department arrived for investigation | Patrika News

प्लास्टिक नुमा चावल की सप्लाई से हड़कंप, जांच के लिए पहुंची खाद्य विभाग की टीम

locationबेमेतराPublished: Jul 01, 2022 12:38:29 pm

Submitted by:

CG Desk

विधानसभा क्षेत्र के ग्राम परपोड़ा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से लोगों के घरों तक पहुंचे मोटे आकार के प्लास्टिक नुमा चावल की आपूर्ति से हड़कंप मचा हुआ है । इसकी शिकायत पर खाद्य विभाग की टीम जांच के लिए गांव पहुंची है । लगातार मिल रही शिकायतों के बाद किसान नेता योगेश तिवारी ग्राम परपोड़ा पहुंचे, जहां उन्होंने चावल का सैंपल लेकर खाद्य विभाग के अधिकारी और जानकारों से बात की ।

बेमेतरा. खाद्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राशन की दुकानों से दिया गया चावल प्लास्टिक का नहीं था। बल्कि फोर्टिफाइड राइस था। जो कि सुरक्षित और पौष्टिक है। लेकिन यह चावल मिड डे मील और आंगनबड़ी के लिए सप्लाई किया जाता है । फिलहाल राशन हितग्राहियों को फोर्टीफाइड चावल की आपूर्ति नहीं की जा रही है ।

केंद्र सरकार के निर्देश पर मिलाया जा रहा
केंद्र सरकार के निर्देश पर पोषक आहार की पूर्ति के लिए फोर्टीफाइड चावल सामान्य चावल में मिलाया जा रहा है । इसकी मात्रा 1 क्विंटल में 1% है । इस संबंध में किसान नेता योगेश तिवारी ने कहा कि फोर्टीफाइड चावल को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति है । जिसे दूर किया जाना जरूरी है । इसके लिए खाद्य विभाग को लोगों के भ्रम को दूर करने राशन दुकानों में सामान्य जानकारी चस्पा किया जाना चाहिए ।

दीगर जिलों से मंगाया जा रहा फोर्टीफाइड चावल
चावल उद्योग संघ जिला अध्यक्ष सुनील डागा ने बताया कि वर्तमान में फोर्टीफाइड चावल राजनांदगांव रायपुर समेत अन्य जिलों से मंगाया जा रहा है । वर्तमान में बेमेतरा में एक मशीन की स्थापना की गई है । जिस मिलर से फोर्टीफाइड चावल मंगाया जाता है वह साथ में लैब रिपोर्ट देते हैं । जिसमें तय मानकों के तहत चावल में पोषक तत्व पाए जाने की स्थिति में लैब से उस सैंपल को पास किया जाता है । इसके बाद अनुबंधकर्ता संस्था जिला विपणन अधिकारी को लैब रिपोर्ट के साथ बिल प्रस्तुत किया जाता है ।

पालिश से चावल के पोषक तत्व नही रहते, फोर्टीफाइड चावल से की जा रही पूर्ति
भारत में भोजन की थाली चावल बिना अधूरी समझी जाती है। विश्व में कुल उत्पादित होने वाले चावल में 22 फीसद भारत की हिस्सेदारी है। रोजमर्रा में 65 फीसद उत्पादित चावल का हमारी जनसंख्या उपभोग करती है। इन तथ्यों के बीच सर्वाधिक कैलोरी देने वाले चावल की पोष्टिकता पर सवाल उठते रहे है। क्योंकि राइस मिल में पॉलिसिंग के दौरान बी-1, विटामिन, बी-6, विटामिन ई, विटामिन बी-3 जैसे जरूरी तत्व चावल में नहीं रह जाते हैं। इसलिए चावल में माइक्रो न्यूट्रिएंट्स बढ़ाने पर जोर दिया

1-29-300x257.jpg

ट्रेंडिंग वीडियो