नवागढ़ में गोंड राजसत्ता की निशानी किला मंदिर सहित कई स्थल है जो अब समय के साथ परिवर्तित स्वरूप में है, लेकिन गणेश मंदिर का गर्भगृह आज भी मूल स्वरूप का दर्शन कराती है। तीन बार मंदिर के मरम्मत की जानकारी आम लोगों को है। इसमें महाराष्ट्रीयन ब्राम्हण परिवारों का योगदान उल्लेखनीय है। अब यह मंदिर एक पावन तीर्थ बन गया है। इसकी गिनती अब देश के सिद्ध गणेश मंदिरों में होती है। यही कारण है कि यहां हर साल दूर-दूर से श्रद्धालु सिद्ध गणेश की परिक्रमा करने के लिए पहुंचते हैं।
पर्यटन के नक्शे में मंदिर के शामिल होने के बाद राजा नरवर साय की नगरी नवागढ़ में भक्तों की संख्या में इजाफा हुआ है। मंदिर प्रांगण में रायपुर निवासी रामेश्वर सिन्हा ने शिव और दुर्गा प्रतिमा की स्थापना करवाई है। दुर्गा देवी मूर्ति स्थापना में राज्यपाल रमेश बैस सपरिवार यजमान समूह में शामिल थे, मंदिर में अब गोपाल जी झूला झूलते भक्तों को नजर आते है। यहां हरिशचंद्र जैन द्वारा स्थापित हनुमान जी भी विराजमान है।
नवागढ़ गणेश मंदिर के ठीक सामने शमी का वृक्ष है। इसका उल्लेख धार्मिक ग्रंथों में मिलता है जिसमें देश के गणेश मंदिरों का उल्लेख है। शमी के पत्ते भगवान गणेश को अतिप्रिय है, पूजन अनुष्ठान में उपयोग होता है। शमी वृक्ष की पूजा और परिक्रमा से संकट दूर होते हैं।