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अस्पताल में तड़पता रहा युवक, फिर भी नहीं आए बेरहम डॉक्टर, आखिरकार हो गई मौत

locationबेमेतराPublished: Jan 18, 2020 11:11:47 pm

डॉक्टरों के जिला अस्पताल में आपात कालीन सेवाओं का बहिष्कार करने से शनिवार को शव के पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को 6 घंटे तक इंतजार करना पड़ा।

अस्पताल में तड़पता रहा युवक, फिर भी नहीं आए बेरहम डॉक्टर, आखिरकार हो गई मौत

अस्पताल में तड़पता रहा युवक, फिर भी नहीं आए बेरहम डॉक्टर, आखिरकार हो गई मौत

बेमेतरा. डॉक्टरों के जिला अस्पताल में आपात कालीन सेवाओं का बहिष्कार करने से शनिवार को शव के पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को 6 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। परिजनों की गुहार पर जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके शर्मा व सिविल सर्जन डॉ एसके पाल ने पोस्टमार्टम किया। स्वास्थ्य विभाग के रोस्टर के अनुसार आपातकालीन ड्यूटी के लिए दो संविदा डॉक्टरों की ड्यूटी निर्धारित की गई थी। ड्यूटीरत डॉक्टर सेवा देने के बजाए मोबाइल बंद कर नदारद रहे।
आपातकालीन ड्यूटी पर नहीं थे एक भी डॉक्टर
दो पाली में ड्यूटी का विरोध कर रहे डॉक्टरों के बहिष्कार असर मरीजों के उपचार पर पडऩे लगा है। जानकारी के अनुसार शुक्रवार की रात मोटर सायकल से अपने गांव बैजी जा रहे युवक अश्वनी यादव को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी थी, जिसके बाद परिजन गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। अचेत हालत में युवक को देखने के लिए परिजन डाक्टर बुलाने की मिन्नत करते रहे पर डॉक्टरों की हड़ताल होने की वजह से आपातकालीन ड्यूटी पर एक भी डॉक्टर नहीं थे, जिससे घायल युवक को देखने के लिए डॉक्टर नहीं मिला। कुछ समय बाद मृतक के परिजनो को मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने युवक की मौत होने की जानकारी दी। जिसके बाद शव को जिला अस्पताल के मरच्युरी में रखा गया था। घायल युवक को लेकर आने वाले लोकनाथ यादव, ओमप्रकाश यादव व देवेन्द्र यादव का रो-रो कर बुरा हाल था। मृतक के परिजन ओमप्रकाश ने बताया कि जब युवक को जिला अस्पताल लाया गया था, उसकी सांस चल रही थी पर डॉक्टर नहीं थे। बाद में युवक की मौत होने की जानकारी दी गई।
1 बजे तक नहीं हुआ था पोस्टमार्टम
शव केा जिला अस्पताल के मरच्यूरी में रखा गया था जिसके बाद शनिवार को पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिजनों केा सौंपना था। आम तौर पर 9 बजे के करीब होने वाला पोस्टमार्टम डॉक्टरों के नहीं होने से घंटों मिन्नत करने के बाद एक बजे दोपहर में किया गया। पोस्टमार्टम डॉ. एसके शर्मा व डॉ एसके पाल ने किया। जिला अस्पताल ने डयुटीरत डॉक्टरों की सूची के अनुसार डॉक्टर प्रवीण साहू को जिला अस्पताल में आने वाले एमएलसी प्रकरण, पोस्टमार्टम, इमरजेन्सी प्रकरण व आनकॉल ड्यूटी पर होना था पर डॉक्टर नदारद थे। इसके अलावा एक अन्य डॉक्टर नीतेश चैाबे की ड्यूटी तय थी। दोनों में से एक ने मोबाइल बंद रखा, वहीं दूसरे रायपुर में थे। यह जानकारी जिम्मेदारों ने दी।
रात में प्रसूता तड़पती रही
जिला अस्पताल में बीती रात में एक प्रसूता को परिजनों ने प्रसव के लिए भर्ती कराया था पर डॉक्टर नहीं होने से महिला का प्रसव नहीं कराया जा रहा था। घंटों मशक्कत के बाद महिला का प्रसव कराया गया। इसी तरह मरीजों को आपात सेवा का बहिष्कार से परेशानी उठानी पड़ रही है।
उपचार तो निजी में हो सकता है पोस्टमार्टम के लिए कहां जाएं
जिला अस्पताल में मौजूद मृतक के मित्र व परिजनों ने कहा कि आम तौर पर किसी भी अस्पताल में उपचार कराया जा सकता है पर शव को पोस्टमार्टम केवल शासकीय अस्पताल में ही हो सकता है। ऐसे में हड़ताल में होने के बाद भी अनिवार्य मानकर सेवा देनी चाहिए थी। आज ऐसा नहीं किया गया।
बहिष्कार की सूचना थाने में दी
जिला अस्पताल में हड़ताल की वजह से व्याप्त स्थिति को लेकर सिविल सर्जन डॉ. एसके पाल थाना इंचार्ज को पत्र जारी कर एमएलसी नहीं होने की सूचना दी है, जिसके अनुसार 17 जनवरी से जारी बहिष्कार की वजह ऐसी स्तिति होना बताया है। इसके बाद से अनिवार्य एमएलसी को लेकर जिम्मेदारों की चिंताएं बढ़ी है।
एक ने मोबाइल बंद किया तो दूसरे कहा रायपुर में हूं – डॉ पाल
जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए घंटों तक इंतजार करने के मामले में सिविल सर्जन डॉ. एसके पाल ने बताया कि कल से दो डॉक्टरों की ड्यूटी तय की गई थी। एक डाक्टर ने मोबाइल बंद रखा तो दूसरे रायपुर में थे। शव का पोस्टमार्टम उन्होंने अैार सीएचएमओ ने किया। डॉक्टरों पर कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।
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