scriptनवरात्रि में तीन दिन की जिंदा बच्ची को फेंक दिया मरने, भीड़ देखते रही तमाशा, फरिश्ता बनकर 21 साल के युवक ने गोद में उठाया | Three-day-old girl found in unclaimed condition in Bemetara | Patrika News

नवरात्रि में तीन दिन की जिंदा बच्ची को फेंक दिया मरने, भीड़ देखते रही तमाशा, फरिश्ता बनकर 21 साल के युवक ने गोद में उठाया

locationबेमेतराPublished: Oct 05, 2019 10:56:24 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

किसान भवन के पास बने रंगमंच के नीचे एक कलयुगी मां ने अपनी पूर्ण स्वस्थ नवजात बच्ची को लावारिस हालत में छोड़ दिया। जो भूख-प्यास से बिलख रही थी। (Bemetara news)

नवरात्रि में तीन दिन की जिंदा बच्ची को फेंक दिया मरने, भीड़ देखते रही तमाशा, फरिश्ता बनकर 21 साल के युवक ने गोद में उठाया

नवरात्रि में तीन दिन की जिंदा बच्ची को फेंक दिया मरने, भीड़ देखते रही तमाशा, फरिश्ता बनकर 21 साल के युवक ने गोद में उठाया,नवरात्रि में तीन दिन की जिंदा बच्ची को फेंक दिया मरने, भीड़ देखते रही तमाशा, फरिश्ता बनकर 21 साल के युवक ने गोद में उठाया,नवरात्रि में तीन दिन की जिंदा बच्ची को फेंक दिया मरने, भीड़ देखते रही तमाशा, फरिश्ता बनकर 21 साल के युवक ने गोद में उठाया

बेमेतरा. माता रानी के महापर्व नवरात्र (Navratri festival in Bemetara)में लोग मिट्टी से बनी मूर्तियों की उपासना करते हैं और पूरे नौ दिनों तक भक्ति में लीन रहते हंै। लेकिन जिला मुख्यालय में दिल को झकझोरने वाली घटना सामने आई है। लगभग शाम 4.30 बजे किसान भवन के पास बने रंगमंच के नीचे एक कलयुगी मां ने अपनी पूर्ण स्वस्थ नवजात बच्ची को लावारिस हालत में छोड़ दिया। जो भूख-प्यास से बिलख रही थी। एक युवक ने हिम्मत दिखाते हुए बच्ची को गोद में लिया, जिसके बाद किसी ने पुलिस को सूचना दिया। पुलिस ने बच्ची को जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां नर्सिंग स्टाफ व आया बच्ची की देखरेख कर रही हैं। नवजात बच्ची के अज्ञात माता-पिता के खिलाफ पुलिस अपराध दर्ज किया है।
21 साल के युवक ने दिखाई हिम्मत
जब बच्ची भूख-प्यास से बिलख रही थी, तब वहां लोग तमाशाबीन बने थे। लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। उसी समय कुर्मीपारा निवासी 21 वर्षीय युवक करण यादव ने हिम्मत दिखाई और बच्ची को गोद में लिया। उन्होंने पास में रहने वाली महिला के यहां से दूध मंगाकर बच्ची को पिलाया। जनसमुदाय बच्ची को लावारिस हालत में छोडऩे वाले निष्ठुर माता-पिता को कोसते रहे। बाजार पारा निवासी शाहिल रिजवी ने ताराचंद माहेश्वरी व नीतू कोठारी को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस को खबर की गई।
नवरात्रि में तीन दिन की जिंदा बच्ची को फेंक दिया मरने, भीड़ देखते रही तमाशा, फरिश्ता बनकर 21 साल के युवक ने गोद में उठाया
युवक करण यादव ने बच्ची को गोद में लेकर पुलिस वाहन से जिला अस्पताल पहुंचाया। डॉ. वर्मा ने बताया कि बेबी के जन्म होने के बाद बेबी का फुट प्रिंट लिया जाता है। अगर बच्ची का जन्म कहीं शासकिय अस्पताल में हुआ होगा तो बच्ची का फुट प्रिंट लिया गया होगा, वहीं लाई गई बच्ची का फुट प्रिंट लेकर दोनों फुट प्रिंट का मिलान एक्सपर्ट से कराया जाता है तो बच्ची के माता पिता की पहचान की जा सकती है। संसार में ऐसे भी लोग है जो बच्चे कि चाहत लिये जीवनभर नाना प्रकार के जतन करते हैं। धर्म-कर्म से लेकर सब कुछ करते हैं, लेकिन लोगों को बच्चा नसीब नहीं होता।
शिशुवती माताओं ने पिलाया दूध
जिला अस्पताल (Bemetara district hospital)में डॉ. बोधेश्वर वर्मा ने बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण किया और बच्ची को स्वस्थ्य बताया। उसका वजन 2.5 किलोग्राम बताया गया है। बच्ची के कपड़े बदले गए। इसके बाद जिला अस्पताल में शिशुवती माताओं का दूध बच्ची को पिलाया गया। साथ ही डिलवरी वार्ड की नर्स यामिनी मढ़रिया बच्ची का देखरेख करती दिखी। वहीं आया सारिका पुरैना ने बच्ची को गोद में लेकर दुलारती रही।
बच्ची के कपड़े, जिला अस्पताल की तरह
नवजात बच्ची जिला अस्पताल से दिए जाने वाली किट व कपड़े पहने हुई थी, वहीं बच्ची कि नाल में जिला अस्पताल में लगाए जाने वाला क्लिप लगा हुआ था। डॉ. वर्मा सहित स्टाफ नर्स ने बच्ची की डिलवरी जिला हास्पिटल में ही होने की आशंका व्यक्त की है। डॉ. वर्मा ने बताया कि लावारिस हालत में लाई गई नवजात बच्ची का जन्म 48 से 60 घंटे पहले हुआ है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो