जब बच्ची भूख-प्यास से बिलख रही थी, तब वहां लोग तमाशाबीन बने थे। लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। उसी समय कुर्मीपारा निवासी 21 वर्षीय युवक करण यादव ने हिम्मत दिखाई और बच्ची को गोद में लिया। उन्होंने पास में रहने वाली महिला के यहां से दूध मंगाकर बच्ची को पिलाया। जनसमुदाय बच्ची को लावारिस हालत में छोडऩे वाले निष्ठुर माता-पिता को कोसते रहे। बाजार पारा निवासी शाहिल रिजवी ने ताराचंद माहेश्वरी व नीतू कोठारी को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस को खबर की गई।
जिला अस्पताल (Bemetara district hospital)में डॉ. बोधेश्वर वर्मा ने बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण किया और बच्ची को स्वस्थ्य बताया। उसका वजन 2.5 किलोग्राम बताया गया है। बच्ची के कपड़े बदले गए। इसके बाद जिला अस्पताल में शिशुवती माताओं का दूध बच्ची को पिलाया गया। साथ ही डिलवरी वार्ड की नर्स यामिनी मढ़रिया बच्ची का देखरेख करती दिखी। वहीं आया सारिका पुरैना ने बच्ची को गोद में लेकर दुलारती रही।
नवजात बच्ची जिला अस्पताल से दिए जाने वाली किट व कपड़े पहने हुई थी, वहीं बच्ची कि नाल में जिला अस्पताल में लगाए जाने वाला क्लिप लगा हुआ था। डॉ. वर्मा सहित स्टाफ नर्स ने बच्ची की डिलवरी जिला हास्पिटल में ही होने की आशंका व्यक्त की है। डॉ. वर्मा ने बताया कि लावारिस हालत में लाई गई नवजात बच्ची का जन्म 48 से 60 घंटे पहले हुआ है।