नवागढ़-छिरहा मार्ग अस्थाई रपटा बहा, आवागमन बंद होने से सप्ताहभर से परेशान हैं 25 गांवों के लोग
बेमेतराPublished: Jul 18, 2018 08:33:17 pm
एडीबी का अधूरा काम बना बाधक, पीडब्ल्यूडी के सड़कों ने खोली विकास की पोल, ठेकेदार और विभाग की मनमानी का खामियाजा भुगत रहे ग्रामीण
नवागढ़-छिरहा मार्ग अस्थाई रपटा बहा, आवागमन बंद होने से सप्ताहभर से परेशान हैं 25 गांवों के लोग
नवागढ़ . एडीबी परियोजना के तहत चंदखुरी से उमरिया तक 68.21 किमी सड़क निर्माण कार्य अप्रैल 2018 में पूर्ण होना था पर ठेकेदार की मनमानी विभाग की उदासीनता के चलते अप्रैल 2019 तक कार्य पूर्ण होना संभव नहीं है। अब तो स्थिति यह है कि इस सड़क के कारण आवागमन बाधित है। नवागढ़ से छिरहा मार्ग में रपटा निर्माण कार्य अधूरा होने व ठेकेदार द्वारा बनाया गया अस्थाई रपटा बहने के कारण एक सप्ताह से आवागमन बंद है। जिसके चलते 25 गांव के लोग परेशान हैं। बच्चों का स्कूल आना बंद है। स्थिति को देखकर यही लगता है कि इस माह में यात्री बस सेवा बंद रहेगी। ग्राम गनिया में समय पर यदि रपटा निर्माण कार्य पूर्ण करना था, जो नहीं हो सका है। गनिया निवासी अधिवक्ता अशोक साहू ने कहा कि सात दिन से आवागमन बंद है। नाला पार करने के लिए दो किमी पैदल चलना पड़ रहा है।
पूरे कार्य में खोट
कांग्रेसी नेता गुरुदयाल बंजारे ने कहा कि एडीबी परियोजना के तहत निर्माणाधीन सड़क के पूरे कार्य में खोट है। जगह-जगह दरार व रपटे के निर्माण में पेटी ठेकेदारों पर भरोसा विभागीय इंजीनियर की गैर मौजूदगी के कार्य पहली बारिश में उजागर हो गए। बंजारे ने कहा कि पूरे कार्य में खोट है।
किसान तबाह
ग्राम मजगांव निवासी किसान नेता संतोष साहू ने कहा कि एडीबी के सड़क निर्माण में मनमानी का खामियाजा निर्दोष किसान भुगत रहे हैं। ग्राम नवागांव कला में किसान राधेश्याम का खेत तालाब में तब्दील हो गया है। जलभराव के कारण फसल से वंचित हो गए हैं। साहू ने कहा कि अवैध उत्खनन, घटिया सामग्री के बाद यह समस्या असहनीय है।
खुल गई पोल
विकास यात्रा के पहले चरण के बाद नवागढ़ विधानसभा में सड़कों का जाल बिछने की जानकारी दी गई पर सत्यता यह है कि पीडब्ल्यूडी विभाग की सड़कें समस्या बनकर रह गई है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा वाली छिरहा बाइपास में मंगलवार को बीमार को लेने गई 108 नहीं जा सकी तो पीठ पर लादकर परिजन को जाना पड़ा। कुछ ऐसा ही हाल नेवसा से झांकी मार्ग तक का है। जहां डामरीकृत सड़क पगडंडी बनकर रह गई है। इस संबंध में कलक्टर महादेव कावरे ने कहा कि मामले की जानकारी लेता हूं।
जांच जरूरी है
निर्माण कार्यों की एक्सपर्ट इंजीनियर सौम्या वर्मा ने कहा कि ठेकेदार को डायवर्टेड मार्ग निर्माण के लिए विभाग से मोटी रकम मिलती है। जिसमें उसे बेहतर आवागमन योग्य बनाना होता है पर चंदखुरी से उमरिया तक तो मिट्टी के डायवर्सन बनाकर लीपापोती किया गया। पूरे भुगतान की जांच होनी चाहिए।