बेमेतरा

इस कब्जेधारी को सरकार का भी नहीं है डर, राजनीतिक पहुंच का भय दिखाकर ग्रामीणों को करा दिया चुप

ग्राम खंडसरा में चारागाह की जमीन पर अवैध कब्जा होने के कारण ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने कलक्टर से चारागाह को मुक्त कराने और सुव्यवस्थित गौठान बनाने की मांग की है।

बेमेतराSep 17, 2019 / 07:30 pm

Laxmi Narayan Dewangan

इस कब्जेधारी को सरकार का भी नहीं है डर, राजनीतिक पहुंच का भय दिखाकर ग्रामीणों को करा दिया चुप

बेमेतरा . ग्राम खंडसरा में चारागाह की जमीन पर अवैध कब्जा होने के कारण ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने कलक्टर से इसकी शिकायत करते हुए कब्जाधारी को हटाकर चारागाह को मुक्त कराने और सुव्यवस्थित गौठान बनाने की मांग की है। इस संबंध में कलक्टर को आवेदन देने वालों में मुख्य रूप से ग्रामीण मनोज सोनी, गंगाधर यादव, जागीर खान, सलीम खान आदि शामिल हैं।
100 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा
ग्रामीणों ने बताया कि खंडसरा सहित आसपास के गांवों में सरकारी घास जमीन पहले गायों के चारागाह के लिए सुरक्षित था। लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने इन स्थानों पर कब्जा कर लिया है और बकायदा धान, सोयाबीन व चना की फसल ले रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार ग्राम खंडसरा में ही लगभग 100 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है। कब्जेधारियों ने अपनी राजनीतिक पहुंच का भय दिखाकर ग्रामीणों को चुप करा दिया है, जिसकी वजह से ग्रामसभा में भी ग्रामीण उनके खिलाफ कुछ भी कहने से डरते हैं। गंगाधर यादव ने बताया कि कब्जेधारी की दबंगई के कारण पंच-सरपंच भी अवैध कब्जा हटाने का प्रस्ताव लाने से पीछे हट जाते हैं।
सड़क पर भटकते हुए दम तोडऩे मजबूर हुई गायें
ग्रामीणों का कहना है कि एक ओर राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की पुरातन संस्कृति को बनाए रखने के लिए ‘नरवा, गरुवा, घुरुवा अऊ बारी, ऐला बचाना है संगवारीÓ अभियान चला रही है। जिसके लिए गांव-गांव में गौठान बनाए जा रहे हैं। वहीं ग्राम खंडसरा में अवैध कब्जा के कारण गौठान नहीं बन पाया है। जिसके कारण मवेशी सड़कों पर विचरने और दुर्घटनाग्रस्त होकर दम तोडऩे के लिए मजबूर हो गई हैं। सड़कों पर मवेशियों के घूमने से सड़क हादसे बढ़ गए हैं। गायों की इस दुर्दशा पर चिंता जताते हुए ग्रामीणों ने कलक्टर को आवेदन कर गांव की चारागाह सरकारी घास जमीन को कब्जामुक्त करने और जल्द से जल्द गौठान बनाने की मांग की है।

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