कलक्टर भी दूर नहीं कर पाए समस्या मजदूरी नहीं मिलने की समस्या से पहले भी अधिकारियों को वाकिफ कराने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं होने पर बावामोहतरा के बाल-बच्चों के साथ पहुंचे ग्रामीणों ने गुरुवार को दोपहर 12 बजे जनपद कार्यालय के बाहर पंडाल लगाकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के नाराज होकर जनपद पंचायत परिसर के अंदर जाकर अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मजदूरी दिलाने की मांग करने लगे।
सीईओ नदारद, एसडीएम पहुंचे मनाने ग्रामीणों के प्रदर्शन के दौरान जनपद सीईओ दीपक ठाकुर कार्यालय नहीं पहुंचे, वहीं उनके स्थान पर शाम करीब 5 बजे बेमेतरा एसडीएम डीएल कश्यप ग्रामीणों को मनाने पहुंचे। लेकिन ग्रामीण मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी अरविंद कश्यप को बर्खास्त करने के साथ सीईओ दीपक ठाकुर को बुलाए जाने पर अड़े रहे। आखिरकार एसडीएम के दो दिन के भीतर राशि का भुगतान करने और मामले में दोषियों के खिलाफ हफ्तेभर में जांच कर आरोप सही पाए जाने पर कार्रवाई करने के आश्वासन पर ग्रामीण माने। पूरे घटनाक्रम के दौरान स्थिति को देखते हुए जनपद में पुलिस बल तैनात किया गया था।
सीईओ के खिलाफ जताया आक्रोश ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में 28 दिसम्बर को जनपद सीईओ दीपक ठाकुर को ज्ञापन सौंपकर 7 जनवरी तक मजदूरी का भुगतान करने की मांग की गई थी, जिसके बाद भी राशि का भुगतान नहीं किया गया। इस पर ग्रामीणों ने मंगलवार को कलक्टर को स्थिति से अवगत कराया था, इसके बाद भी समस्या का निराकरण नहीं होने पर करीबन तीन सौ ग्रामीण गुरुवार को जनपद कार्यालय में प्रदर्शन करने पहुंचे थे। लेकिन जनपद के सीईओ के नदारद रहने पर ग्रामीणों ने नारेबाजी कर अपना गुस्सा उतारा।
जॉब कार्ड से भी ग्रामीण वंचित मजदूरी करने के 1000 दिनों के बाद भी कामगार मजदूरी के लिए भटक रहे हैं। प्रदर्शन करने वालों में 300 लोगों का जॉब कार्ड को सरपंच व
रोजगार सहायक अपने पास रखे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच व सचिव से जॉब कार्ड की मांग किए जाने पर नहीं बनने की बात कहकर बैरंग लौटा दिया जाता है। जनपद में प्रदर्शन करने वालों में भागवत सिन्हा, हरिराम सिन्हा, ईश्वर यादव, रामकुमार साहू, सीताराम साहू, रामप्रसाद, पुनीतराम निर्मलकर, रजनी, कांती साहू, रेखा सिन्हा, सुशीलाबाई, तीजकुंवर, जामबाई सिन्हा, अहिल्या साहू, श्यामबाई साहू शामिल रहे।