तालाबंदी से खुले में जाने को मजबूर बताना होगा कि नगर पालिका द्वारा शहर में 19 सामुदायिक शौचालय लोगों के उपयोग के लिए बनाए गए हैं, जिसमें से पिकरी, किसान भवन, मोहभट्ठा, सिंघौरी, नयापारा व रायपुर रोड में बनाए गए सावर्जनिक शौचालयों में ताला जड़ दिया गया है। लोगों की उदासीनता को कारण बताकर ताला जड़े जाने के कारण शैाचालय बेकार सबित होने लगे है। ताला बंदी होने के कारण आसपास के जिन लोगों के घरों में शौचालय नहीं हैं, उन्हें खुल में जाना पड़ रहा है। नागरिक योगेन्द्र वर्मा ने बताया कि वार्डों में यूजर कम होने के बाद भी पालिका द्वारा तालाबंदी नहीं की जानी थी, अब तो लोग चाह कर भी उपयेाग नहीं कर पा रहे हैं।
कई शौचालय केवल रिकॉर्ड में चल रहे शहर में रायुपर रोड पर 30 लाख रुपए की लागत से बनाए गए डिलक्स प्रसाधन को रिकॉर्ड में संचालित किया जाना बताया जा रहा है, लेकिन मौके पर तालाबंदी की स्थिति है। इसी तरह हॉस्पिटल रोड पर बनाए गए शौचालय के उपयोग का दावा सही नहीं है। पिकरी वार्ड ेंमें संचालित शौचालय की कंडम स्थिति के कारण लोगों ने उपयोग करना बंद कर दिया है। विद्यानगर के कुलेश्वर चंदाकर व बैसाखु ने बताया कि जिस जगह का चयन शैाचालय निर्माण के लिए किया गया है वो ठीक नहीं है। पार्षद मिलन चौहान ने भी शौचालय में तालाबंदी को नगर पालिका प्रसासन की कमजोरी बताया है।
ठेके पर देने से चूक गई पालिका जानकारी के अनुसार, शहर के सभी शौचालयों का संचालन ठेके पर कराया जाना था, लेकिन जारी वित्तीय वर्ष में पालिका शौचालयों का संचालन ठेके पर देने से चूक गई, जिसकी वजह से शौचालयों में तालाबंदी की नौबत आई है। वर्तमान में जिन शौचालयों के संचालन में संचालनकर्ताओं क लाभ है, उन्हीं शौचालयों को चलाया जा रहा है। इसमें शहर के नया बस स्टैंड, प्रताप चौक व अन्य स्थानों पर चलाए जा रहे शौचालय शामिल हैं।
शहर में बनाए गए हैं 23 सामुदायिक शौचालय शहर में 23 सामुदायिक शौचालय हैं, जिसमें से दो शासकीय स्कूल व दो फ्लूय सेंटरो में हैं, बाकी 19 शौचालयों का संचालन पालिका की जिम्मेदारी है। जानकार बताते हैं कि शौचालयों का निर्माण औसतन 10 लाख रुपए की लागत से किया गया है। इस तरह से शहर में करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से शौचालय बनाये जाने के बाद भी सही प्रबंधन नहीं किए जाने के कारण योजना को पलीता लग रहा है। पालिका के अधिकारी भले ही शौचालयों में तालाबंदी के लिए जो तर्क दें, लेकिन इस स्थिति के लिए वे ही जिम्मेदारी हैं, जिसका खामियाजा आम लोग भुगत रहे हैं।
आने वाले समय में करेंगे सही संचालन बेमतरा नगर पालिका सीएमओ मोहेन्द्र साहू ने कहा कि लोगों के उपयोग के लिए शौचालय बनाए गए हैं, लेकिन लोग उपयोग के बाद यूजर चार्ज नहीं दे रहे थे, जिसके कारण जिन्हें शौचालय संचालन की जिम्मेदारी दी गई थी, वे काम छोडक़र चले गए। अब आने वाले समय में सभी शौचालयों का ग्रुप बनाकर नीलाम की जाएगी, जिससे सही तरीके से इनका संचालन किया जा सके। इसके अलावा लोग खुले शौचालयों को नुकसान पहुंचा रहे थे, जिसकी वजह से ताला जड़ा गया है।