78 मिलीमीटर हुई बारिश
सारनी में बीते 24 घंटे में 78 मिलीमीटर यानी की तीन इंच से अधिक बरसात दर्ज की गई है।इसी के साथ बारिश का आंकड़ा 303 मिलीमीटर पर पहुंच गया है।वर्ष2018 में 8 92 एमएम कुल बरसात हुई थी।जबकि सामान्य वर्षा 1500 मिलीमीटर है। 1433 फीट जल भरण क्षमता वाले सतपुड़ा डेम का लेबल 30 जुलाई तक 1430.25 फीट मेंटेंन किया जाएगा। वहीं 31 जुलाई से 7 अगस्त तक लेबल 1331 फीट मेंटेंन किया जाएगा।इस वर्ष ग्रीष्मकाल में सतपुड़ा का लेबल घटकर 1424.45 फीट तक आ पहुंचा था।
सारनी में बीते 24 घंटे में 78 मिलीमीटर यानी की तीन इंच से अधिक बरसात दर्ज की गई है।इसी के साथ बारिश का आंकड़ा 303 मिलीमीटर पर पहुंच गया है।वर्ष2018 में 8 92 एमएम कुल बरसात हुई थी।जबकि सामान्य वर्षा 1500 मिलीमीटर है। 1433 फीट जल भरण क्षमता वाले सतपुड़ा डेम का लेबल 30 जुलाई तक 1430.25 फीट मेंटेंन किया जाएगा। वहीं 31 जुलाई से 7 अगस्त तक लेबल 1331 फीट मेंटेंन किया जाएगा।इस वर्ष ग्रीष्मकाल में सतपुड़ा का लेबल घटकर 1424.45 फीट तक आ पहुंचा था।
24 घंटे तक खुले रहे तीन गेट
सतपुड़ा डेम सारनी के तीन गेट 24 घंटे तक लगातार खुले रहे।इस बीच 2400 से 48 00 क्यूबिक फीट पानी प्रति सेकंडतवा नदी में छोड़ा गया।शनिवार शाम 7:15 बजे डेम का लेबल बढऩे पर 1-1 फीट खुले गेटों की ऊंचाई 2-2 फीट तक बढ़ाईगई।रविवार दोपहर में लेबल और बढ़ा तो ऊंचाई 3-3 फीट की गई। इसके बाद दोपहर में बाढ़ आने पर गेटों की संख्या बढ़ाकर पांच फीट की गई।बताया जा रहा है कि अब जलस्तर बढ़ा तो ऊंचाई बढ़ाई जाएगी।
सतपुड़ा डेम सारनी के तीन गेट 24 घंटे तक लगातार खुले रहे।इस बीच 2400 से 48 00 क्यूबिक फीट पानी प्रति सेकंडतवा नदी में छोड़ा गया।शनिवार शाम 7:15 बजे डेम का लेबल बढऩे पर 1-1 फीट खुले गेटों की ऊंचाई 2-2 फीट तक बढ़ाईगई।रविवार दोपहर में लेबल और बढ़ा तो ऊंचाई 3-3 फीट की गई। इसके बाद दोपहर में बाढ़ आने पर गेटों की संख्या बढ़ाकर पांच फीट की गई।बताया जा रहा है कि अब जलस्तर बढ़ा तो ऊंचाई बढ़ाई जाएगी।
तवा नदी में बही खरतपवार
डेम के गेट खुलने पर पानी के बहाव के साथ सतपुड़ा जलाशय में फैली खरपतवार तवा नदी में बह गई। इसको लेकर पीपल फॉर एनिमल्स के सारनी अध्यक्ष आदिल खान एनजीटी में केस दायर करेंगे।उन्होंने बताया साल्विनिया मोलेस्टा और वॉटर हाईसिंथ जलाशयों के लिए नुकसानदायी है।सतपुड़ा में फैलने पर इसके रोकथाम के लिए कंपनी से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत की गई।लेकिन गंभीरता नहीं दिखाई गई। जिसके चलते अब तवा डेम इटारसी तक खरपतवार फैलने से इंकार नहीं किया जा सकता।
डेम के गेट खुलने पर पानी के बहाव के साथ सतपुड़ा जलाशय में फैली खरपतवार तवा नदी में बह गई। इसको लेकर पीपल फॉर एनिमल्स के सारनी अध्यक्ष आदिल खान एनजीटी में केस दायर करेंगे।उन्होंने बताया साल्विनिया मोलेस्टा और वॉटर हाईसिंथ जलाशयों के लिए नुकसानदायी है।सतपुड़ा में फैलने पर इसके रोकथाम के लिए कंपनी से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत की गई।लेकिन गंभीरता नहीं दिखाई गई। जिसके चलते अब तवा डेम इटारसी तक खरपतवार फैलने से इंकार नहीं किया जा सकता।
एक नजर में सतपुड़ा डेम सारनी
196 7 में बनकर तैयार हुआ सतपुड़ा डेम
2 करोड़ 43 लाख रुपए में बना था जलाशय
2975 एकड़ में फैला है जलाशय
14 गेट है जिनसे 1 लाख 70 हजार क्यूबिक फीट पानी छोड़ सकते हैं
जल भरण क्षमता 1433 फीट है
निर्माण के समय क्षमता 110 एमसीएम थी
जलाशय के कैचमेंट एरिया 219 स्क्योर माइल है
196 7 में बनकर तैयार हुआ सतपुड़ा डेम
2 करोड़ 43 लाख रुपए में बना था जलाशय
2975 एकड़ में फैला है जलाशय
14 गेट है जिनसे 1 लाख 70 हजार क्यूबिक फीट पानी छोड़ सकते हैं
जल भरण क्षमता 1433 फीट है
निर्माण के समय क्षमता 110 एमसीएम थी
जलाशय के कैचमेंट एरिया 219 स्क्योर माइल है
इनका कहना
सुरक्षा की दृष्टि से बाढ़ आने वाले मार्गों पर पुलिस तैनात है।कहीं कोई घटना बाढ़ से नहीं हुई है।पुनर्वास कैंप चोपना पहुंचने के लिए घोड़ाडोंगरी से चोपना थाना वाला मार्ग चालू है।नांदिया घाट और शिवनपाठ पर बाढ़ का पानी है।
गोविंद सिंह राजपूत, थाना प्रभारी, चोपना।
सुरक्षा की दृष्टि से बाढ़ आने वाले मार्गों पर पुलिस तैनात है।कहीं कोई घटना बाढ़ से नहीं हुई है।पुनर्वास कैंप चोपना पहुंचने के लिए घोड़ाडोंगरी से चोपना थाना वाला मार्ग चालू है।नांदिया घाट और शिवनपाठ पर बाढ़ का पानी है।
गोविंद सिंह राजपूत, थाना प्रभारी, चोपना।