स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची गांव,डमा लगे मिले 22 बच्चे
भीमपुर ब्लॉक के सांसद द्वारा गोद ली गई पंचायत के गांव गुराडिय़ा में ग्रामीण आज भी अपने बच्चों का पेट फूलने पर उनका इलाज डमा (हंसिया गर्म कर पेट पर लगाना)लगाकर करते हैं।
बैतूल। भीमपुर ब्लॉक के सांसद द्वारा गोद ली गई पंचायत के गांव गुराडिय़ा में ग्रामीण आज भी अपने बच्चों का पेट फूलने पर उनका इलाज डमा (हंसिया गर्म कर पेट पर लगाना)लगाकर करते हैं। पत्रिका ने उक्त समाचार २० मार्च को सांसद के गोद लिए गांव में हंसिया से दागकर कर रहे पेट फूलने का इलाज शीर्षक से प्रकाशित की थी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में पहुंचकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की है। टीम को २२ बच्चे डमे लगे हुए मिले हैं। सीएमएचओ डा ॅजीसी चौरसिया द्वारा पत्रिका में खबर छपने के बाद भीमपुर बीएमओ डॉ देवेन्द्र सिंह को पत्र लिखकर गांव में मरीजोंं की जांच और जागरुकता को लेकर निर्देश दिए थे। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ग्राम गुराडिय़ा पहुंचकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की है। टीम द्वारा ग्राम गुराडिय़ा पहुंचकर घर-घर सर्वे किया गया। डमा लगाने वाले और बीमार बच्चों की जानकारी एकत्रित की गई। टीम में शामिल कर्मचारियों को डमा लगे हुए २२ बच्चे मिले हैं,जिसमें ०४ बच्चे नए हैं। ग्रामवासियों को इकट्ठा कर डमा से होने वाले नुकसान की जानकारी दी गई। ग्रामीणों को बताया कि पेट फूलने पर इसका इलाज संभव है। बच्चों को डमा कभी नहीं लगाए। बीमार होने पर तत्काल सरकारी अस्पताल में इलाज कराए। डमा लगने से बच्चों को असहनीय पीढ़ा होती है। बच्चों को संक्रमण होने से गंभीर बीमारी हो सकती है। ग्रामीणों को साफ-सफाई एवं स्वच्छता के बारे में बताया। भीमपुर बीइओ डॉ देवेन्द्र सिंह ने बताया कि गांव में पहुंचकर ग्रामीणों को जागरुक किया है। डमा लगे हुए २२ बच्चे मिले हैं,जिसमें ४ बच्चें नए हैं।