खनिज के अवैध परिवहन को लेकर १५ दिन में ४४ प्रकरण दर्ज किए
बेतुलPublished: Jan 17, 2019 07:12:57 pm
खनिज के अवैध परिवहन, उत्खनन एवं भंडारण पर रोक लगाए जाने के लिए खनिज विभाग द्वारा दो जनवरी से १७ जनवरी तक खनिज पखवाड़े का आयोजन किया गया।
illegal transportation of mineral
बैतूल। खनिज के अवैध परिवहन, उत्खनन एवं भंडारण पर रोक लगाए जाने के लिए खनिज विभाग द्वारा दो जनवरी से १७ जनवरी तक खनिज पखवाड़े का आयोजन किया गया। बीते पंद्रह दिनों में खनिज, राजस्व, पुलिस, वन विभाग आदि की संयुक्त टीमों द्वारा कार्रवाई करते हुए ४४ प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इनमें सर्वाधिक प्रकरणों की संख्या अवैध परिवहन की होना बताई जाती है। अब विभाग पखवाड़े के दौरान की गई कार्रवाई की जानकारी एकत्रित कर संचालनालय को रिपोर्ट भेज रहा है।
अवैध परिवहन के सबसे ज्यादा मामले
खनिज पखवाड़े में सर्वाधिक अवैध परिवहन के प्रकरण दर्ज किए गए है। बताया गया कि कुल ३६ प्रकरण अवैध परिवहन के बने हैं। इनमें सर्वाधिक रेत का अवैध परिवहन होना पाया गया है। जबकि अवैध भंडारण के महज ६ प्रकरण भर दर्ज किए गए हैं। वहीं अवैध उत्खनन के २ प्रकरण भर बनाए गए हैं। यह वे प्रकरण है जिनमें एक ग्रामीण द्वारा जनसुनवाई में शिकायत की गई थी जिसके बाद खनिज विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की थी।
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साल भर में सिर्फ १२६ प्रकरण दर्ज
बैतूल। खनिज विभाग द्वारा जनवरी२०१८ से दिसंबर २०१८ की अवधि में अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण से जुड़े महज १२६ प्रकरण ही दर्ज किए गए हैं। अधिकांश प्रकरणों में जुर्माना कर निराकरण भी कर दिया गया है लेकिन बड़ा सवाल यह है कि साल भर अवैध उत्खनन एवं परिवहन को लेकर खबरें सामने आती रही है पर विभागीय आंकड़ों को देखकर यकीन नहीं होता। विभाग की माने तो पहले रेत खदानें ठेकेदारों को आवंटित नहीं हुई थी इस वजह से कोई भी उत्खनन कर ले रहा था लेकिन अब ठेकेदार और ग्राम पंचायतें खदानों का संचालन कर रही है। जिसके कारण अवैध उत्खनन पर रोक लगी है। इस वजह से इस साल प्रकरण कम बने हैं, लेकिन हकीकत यह है जिले में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन अब भी बड़े पैमाने पर चल रहा है, जिसे नजदअंदाज नहीं किया जा सकता है। बताया गया कि खनिज विभाग द्वारा सर्वाधिक प्रकरण अवैध परिवहन के बनाए गए हैं। कुल ९८ प्रकरण बीते जनवरी माह से दिसंबर माह तक दर्ज किए हैं।इसी प्रकार अवैध उत्खनन के कुल १३ प्रकरण जनवरी २०१८ से दिसंबर २०१८ तक दर्ज हुए थे। वहीं अवैध भंडारण को लेकर कुल १५ प्रकरण दर्ज होना बताया गया।