script9.36 crores received to build a law college, but 10 acres of land was | लॉ कॉलेज बनाने के लिए मिले 9.36 करोड़, लेकिन 10 एकड़ जमीन नहीं मिली | Patrika News

लॉ कॉलेज बनाने के लिए मिले 9.36 करोड़, लेकिन 10 एकड़ जमीन नहीं मिली

locationबेतुलPublished: Sep 01, 2023 08:42:22 pm

Submitted by:

rakesh malviya

- सरकार ने दस साल पहले दी थी एलएलबी कॉलेज निर्माण की मंजूरी, जिले के गरीब विद्यार्थी विधि की पढ़ाई से वंचित

लॉ कॉलेज बनाने के लिए मिले 9.36 करोड़, लेकिन 10 एकड़ जमीन नहीं मिली,लॉ कॉलेज बनाने के लिए मिले 9.36 करोड़, लेकिन 10 एकड़ जमीन नहीं मिली
हरदा. स्थानीय सरकारी कॉलेज में सालों पहले शाम के समय लगती थी एलएलबी की कक्षाएं। ,हरदा. स्थानीय सरकारी कॉलेज में सालों पहले शाम के समय लगती थी एलएलबी की कक्षाएं। ,हरदा. स्थानीय सरकारी कॉलेज में सालों पहले शाम के समय लगती थी एलएलबी की कक्षाएं। ,हरदा. स्थानीय सरकारी कॉलेज में सालों पहले शाम के समय लगती थी एलएलबी की कक्षाएं।
हरदा. सरकार ने जिले के विद्यार्थियों को लॉ कॉलेज खोलने के लिए करोड़ों रुपए मंजूर कर दिए हैं। लेकिन भवन बनाने के लिए प्रशासन अब तक कॉलेज प्रबंधन को जमीन उपलब्ध नहीं करवा पाया है। जबकि कॉलेज खोलने की स्वीकृति दस साल पहले मिली थी। लिहाजा, छात्र-छात्राओं को स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद एलएलबी की पढ़ाई करने के लिए दूसरे जिलों का मुंह देखना पड़ रहा है। कॉलेज प्रबंधन लगातार प्रशासन से जमीन मुहैया कराने के लिए पत्राचार कर रहा है। मगर नतीजा सिफर ही निकल रहा है।
दस साल पहले मिली थी कॉलेज की मंजूरी
जानकारी के मुताबिक शासन ने स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय को वर्ष 2013 में सरकारी लॉ कॉलेज खोलने मंजूरी दी थी। वहीं सरकार ने कॉलेज भवन बनाने के लिए 9 करोड़ 36 लाख रुपए भी स्वीकृत कर दिए हैं। साथ ही एलएलबी की पढ़ाई कराने के लिए स्टॉफ भी स्वीकृत है। मगर कॉलेज भवन बनाने के लिए 4 हेक्टेयर यानी 10 एकड़ जमीन नहीं मिल रही है। ऐसी स्थिति में जिले में लॉ कॉलेज की योजना अधर में लटकी हुई है। जमीन नहीं मिलने की वजह से बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) से मिलने वाली मान्यता भी अटकी हुई है।
सालों पहले सरकारी कॉलेज में लगती थी कक्षाएं
उल्लेखनीय है कि स्थानीय सरकारी कॉलेज में एलएलबी की शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थियों के लिए हर दिन शाम को कक्षाएं लगती थीं। इसकी शुरुआत वर्ष 1973 से हुई थी। शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता छात्र-छात्राओं को विधि की शिक्षा देते थे। यह क्रम करीब वर्ष 2000 तक चलता रहा। मगर इसी दौरान बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कॉलेज प्रबंधन को अलग से लॉ महाविद्यालय खोलकर नियमित रूप से एलएलबी की पढ़ाई कराने के निर्देश दिए थे। मगर कॉलेज भवन नहीं होने के कारण शाम को लगने वाली कक्षाएं करीब 27 साल से बंद पड़ी हैं। लॉ कॉलेज के अभाव में जिले के छात्र-छात्राओं को विधि की शिक्षा लेने के लिए खंडवा, नर्मदापुरम, इंदौर, भोपाल जाना पड़ रहा है।
कॉलेज के लिए स्वीकृत स्टॉफ
लॉ कॉलेज के लिए सरकार ने वर्ष 2013 में 17 पद स्वीकृत हुए थे। इसमें 1 प्राचार्य, 1 प्राध्यापक, 5 सहायक प्राध्यापक, 1 ग्रंथपाल, 1 क्रीडा अधिकारी सहित अन्य पद शामिल हैं।
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विद्यार्थियों ने कहा...
सरकार ने सालों पहले लॉ कॉलेज बनाने की मंजूरी दी थी। लेकिन प्रशासन भवन बनाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करवा रहा है। जिले के विद्यार्थियों को खंडवा, नर्मदापुरम, भोपाल आदि जगहों पर जाकर एलएलबी की पढ़ाई करना पड़ रही है। लॉ कॉलेज शुरू होना बहुत जरुरी है, ताकि विद्यार्थियों को जिले में शिक्षा मिल सके।
योगेश चौहान, जिलाध्यक्ष भाराछासं, हरदा
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कई विद्यार्थी सरकारी कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद एलएलबी की शिक्षा प्राप्त करने का सपना देखते हैं, लेकिन अब तक लॉ कॉलेज शुरू नहीं किया गया। सक्षम विद्यार्थी तो बाहर जाकर शिक्षा ले रहे हैं, लेकिन गांवों के गरीब छात्र-छात्राएं विधि की शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। कॉलेज का निर्माण जल्दी होना चाहिए।
पुरुषोत्तम झिंझोरे, पूर्व जिला संयोजक अभाविप, हरदा
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इनका कहना है
लॉ कॉलेज निर्माण के लिए शासन ने 9.36 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए हैं। कॉलेज भवन बनाने के लिए 10 एकड़ जमीन की मांग की गई है। जिसे दिलाने के लिए जिला प्रशासन प्रयासरत् है।
डॉ. संगीता बिले, प्राचार्य, स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, हरदा
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